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मध्यप्रदेश निपुण प्रोफेशनल कार्यक्रम के प्रथम बैच के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण

 मध्यप्रदेश निपुण प्रोफेशनल कार्यक्रम के प्रथम बैच के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण 


मुरैना : - शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के लागू होने के उपरांत, मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से सभी छात्रों के अंदर बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के समस्त प्राथमिक विद्यालयों में निपुण भारत मिशन को मिशन अंकुर कार्यक्रम के नाम से संचालित किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश के सभी जिलों में निपुण भारत मिशन/मिशन अंकुर कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के उद्देश्य से राज्य शिक्षा केंद्र और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के संयुक्त प्रयास से सभी जिलों में एक एक निपुण प्रोफेशनल को अगस्त 2023 से नियुक्त किया गया था।

निपुण प्रोफेशनल अपने अपने जिलों में प्रमुख रूप से जिला कलेक्टर, जिला सीईओ के निर्देशन में डीईओ, डायट प्राचार्य और डीपीसी के साथ निरंतर समन्वय स्थापित करते हुए, बीईओ, बीआरसी, मास्टर ट्रेनर, बीएससी, जनशिक्षक और शिक्षकों के साथ निरंतर आवश्यक संवाद स्थापित करते हुए राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशों का जिले स्तर पर कार्यक्रम हेतु आवश्यक नवाचारों को करते हुए निपुण भारत मिशन के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करने हेतु जिले में कार्य किया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, निपुण भारत मिशन में सामुदायिक भागीदारी, पालकों, माताओं की सहभागिता बढ़ाना प्रमुख लक्ष्य रहा, इसके लिए निपुण प्रोफेशनल ने अपने जिले के अन्य विभाग जिनका सीधा संवाद, कार्य समुदाय से जुड़े है, उनसे भी साथ मिलकर कार्य करने हेतु प्रयास किया। जिसमें प्रमुख रूप से पंचायती राज विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, एनआरएलएम, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद, सीएम फेलो के साथ कार्य कर रहे जन सेवा मित्र व अन्य गैर सरकारी संगठन का निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को पूर्ण करने में सहयोग प्राप्त हुआ, इसके परिणाम से विभिन्न एफएलएन मेलाओं में सामुदायिक भागीदारी बढ़ी।

      निपुण प्रोफेशनल ने जिले स्तर पर प्रत्येक माह डीपीएमयू बैठक का आयोजन किया। जिसमें शिक्षा विभाग से जुड़े जिला व खण्ड के समस्त अधिकारीगण मौजूद रहें। जिसकी समय समय पर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत या डीपीसी द्वारा अध्यक्षता की गई। बैठक के माध्यम से निपुण प्रोफेशनल ने उन बिंदुओं को प्रमुखता से रखा, जो उस माह के लिए बहुत आवश्यक थे। बैठक की पीपीटी राज्य शिक्षा केंद्र से प्राप्त होती, जिसमें निपुण भारत मिशन से जुड़े सभी मुख्य निष्पादन संकेतक के आंकड़े जिले के समक्ष दिखाया जाता था, जिससे कम प्रगति वाले बिंदुओ को सुधार हेतु योजना भी इसी बैठक में बनाया जाता है और अगली बैठक में उसकी प्रगति देखी जाती है, डीपीएमयू बैठक से पूर्व समस्त खण्ड को बीपीएमयू बैठक का आयोजन अनिवार्य रूप से करना होता है।

निपुण प्रोफेशनल ने जिले के अवलोकनकर्ता के साथ शाला भी भ्रमण किया, जिससे शाला अवलोकन हेतु अवलोकनकर्ता का बेहतर समझ विकसित हो सकें, एफएलएन शैक्षणिक सामग्री की शाला, कक्षा में वास्तविक उपयोग की सही समझ बन सकें, जिससे आने वाले प्रशिक्षणों में सामग्री उपयोग को सुदृढ़ बनाने हेतु योजना बनाया जा सकें।

  शाला स्तरीय एफएलएन मेला, जनशिक्षा केंद्र स्तरीय शैक्षिक संवाद, शिक्षकों का एफएलएन प्रशिक्षण, जनशिक्षकों का प्रशिक्षण, अवलोकनकर्ता के साथ शैडो विजिट, कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित हो रहे शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में निपुण भारत मिशन से संबंधित प्रगति और चुनौतियों को साझा करने जैसे निरंतर प्रयास निपुण प्रोफेशनल द्वारा अपने जिले में किया गया। निपुण प्रोफेशनल द्वारा जिला शिक्षा केंद्र में डीपीसी, एपीसी, एमआईएस ऑपरेटर वहीं डायट प्राचार्य, वरिष्ठ व्यख्याता, व्याखाता के साथ मिलकर वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने में सहयोग करना, किसी भी जिले स्तर के प्रशिक्षण से पूर्व आवश्यक तैयारी पूर्ण कराने में जिले का निरंतर सहयोग किया गया।

      जिले के कुल 1799 प्राथमिक विद्यालयों में तथा 47 पूर्व प्राथमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से संबंधित निपुण भारत मिशन संचालित है।

निपुण प्रोफेशनल ने मुरैना जिले के कुल सात जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले 64 जनशिक्षा केंद्रों के कुल 128 जनशिक्षक, 35 बीएसी, 7 बीआरसी, 100 से ज्यादा मास्टर ट्रेनर के साथ मिलकर कक्षा 1 से 4 तक पढ़ाने वाले लगभग 4000 शिक्षकों के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मिलकर निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से कार्य किया। 

संवाददाता : किशोर कुशवाहा 

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