जनप्रतिनिधियों के निरीक्षण बाद भी चिकित्सालय की स्थिति जस की तस
पंचायत राज्यमंत्री, सांसद व विधायक ने गत दिवस जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर का किया था औचक निरीक्षण
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर की स्थिति एवं साफ-सफाई व्यवस्था कब ठीक होगी, अब इसका ठोस जवाब शायद किसी के पास नही है।
15 अगस्त की शाम पंचायत राज्यमंत्री राधा सिंह, सांसद डॉ. राजेश मिश्रा एवं विधायक सिंगरौली रामनिवास शाह ने जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर का औचक निरीक्षण किया था। जहां साफ-सफाई की लचर व्यवस्था देखकर सांसद व विधायक भड़क गये थे। इस दौरान साफ-सफाई ठेकेदार के सुपरवाईजर को जमकर फटकार लगाया गया और कहा था कि तत्काल ट्ॉयलेट एवं वार्डो का साफ-सफाई करने के लिए निर्देशित किया था। माननीयों के निर्देश के करीब 48 घंटे के बाद भी जिला चिकित्सालय एवं सह ट्रामा सेंटर के वार्डो की साफ-सफाई की व्यवस्था नही सुधरी है। आज दिन रविवार की शाम के वक्त नवभारत की टीम साफ-सफाई की व्यवस्था की जायजा लेने पहुंची। जहां साफ-सफाई व्यवस्था की स्थिति करीब-करीब पूर्व की तरह रही। मरीजों ने बताया कि सफाई कर्मी खुद रूचि नही लेते। कहने के बावजूद टालमटोल कर देते हैं। मरीजों ने माना कि गांव के आने वाले मरीज गंदगी करते हैं, उन्हें तौर तरीका अच्छे से नही मालूम हैं। इसीलिए सरकार ने अस्पतालों के साफ-सफाई की व्यवस्था ठेके पर दिया है। लेकिन ठेका प्रथा भी पूरी तरीके से फ्लॉप नजर आ रही है। क्योंकि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर की बदहाल व्यवस्था को लेकर लगातार जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों का ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है। ताकि मरीजों को समुचित सरकार की व्यवस्था मिल सके। लेकिन ठेका प्रथा में भी सरकार का यह उपक्रम कारगर साबित नही हो रहा है और न ही जिला अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी अपने रवैयों में बदलाव ला पा रहे हैं।
शौचालय और फटे गद्दे से चीढ़ रहे मरीज
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में बीते 15 अगस्त को राज्यमंत्री राधा सिंह, सांसद डॉ. राजेश मिश्रा और सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह मरीजों का हाल चाल जानने के साथ ट्रामा सेंटर की व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे थे। जैसे ही जनप्रतिनिधि जिला चिकित्सालय के पहली मंजिल पर पहुंचे और वार्डो में फटे गद्दे देखा तो जनप्रतिनिधियों का माथा चढ़ गया। दूर्दशा और भी बड़ी थी, जब शौचालय का दरवाजा खोला गया तो मलमुत्र से शौचालय सराबोर था। किसी भी जनप्रतिनिधि की हिम्मत नही हुई कि अंदर जा पाएं। भला इस गंदगी में मरीज और उनके परिजन शौचालय कैसे जा रहे हैं यह सोचने का विषय है। स्थिति तो इतनी खराब है कि शौचालय और फटे गद्दे से अब मरीज चिढ़ने लगे हैं। तकिया और चद्दर तक की व्यवस्था नही दिखाई दे रही हैं।
48 घंटे बीत गये नही सुधरी व्यवस्था
जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद जनप्रतिनिधियों ने जिला चिकित्सालय के अधीक्षक को निर्देश दिया था कि तत्काल जो फटे गद्दे हैं उनको हटाया जाये और नया गद्दा मरीजों को उपलब्ध कराया जाये। साथ ही शौचालय की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये, ताकि मरीजों को गंदगी में न रहना पड़े, जब साफ-सफाई रहेगी तो मरीज भी जल्द ही स्वस्थ होंगे। लेकिन जनप्रतिनिधियों के 48 घंटे से ऊपर निरीक्षण करने का समय बीत चुका है, इसके बावजूद जिला अस्पताल सह ट्रामा सेंटर की बदहाल व्यवस्था को सुधारने में अधीक्षक नाकाम साबित हुये हैं। आज दिन रविवार की शाम तकरीबन 6 बजे शौचालय और ट्रामा सेंटर की स्थिति का जायजा लेने जब मीडिया की टीम पहुंची तो हालात पहले ही जैसे नजर आये। ऐसे में सवाल यही उठता है कि इन अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का कोई भी डर नही हैं।
संवाददाता : आशीष सोनी
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