16 शिक्षकों ने खुद ही बना लिए फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट


मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 में हुई वर्ग-3 की भर्ती में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाकर नौकरी पाने वाले 11 शिक्षकों के खिलाफ कोतवाली थाना में जालसाजी का केस दर्ज किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त शिकायत के आधार पर मामला पंजीबद्ध हुआ है। बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों ने 2023 में वर्ग-3 में पात्रता पाई थी। इन शिक्षकों ने दूसरे दिव्यांगों के सर्टिफिकेट को एडिट करके अपने नाम का दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की थी। अधिकांश शिक्षक भिंड, मुरैना के रहने वाले हैं।

इन शिक्षकों एफआइआर
कविता अहिरवार, नेहा विश्वकर्मा, रोहित नायक, विशाल जैन, मनीषा लोधी, भानुप्रताप पटेल, दीपाली त्रिपाठी,रामकुमार पटेल, विनोद कुमार अहिरवार,अवध किशोर मिश्रा, मोनिका सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से विनोद कुमार अहिरवार टीकमगढ़ तो नेहा विश्वकर्मा खरगापुर में पदस्थ हैं।

दूसरे के प्रमाणपत्र किया एडिट
डीइओ अरुण शंकर पांडेय ने बताया कि फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट में 16 शिक्षक संदिग्ध मिले। सीएमएचओ से उनके प्रमाणपत्रों की जांच कराई तो जिस अस्पताल से प्रमाणपत्र बनाया गया, वहां इन शिक्षकों के नाम रिकॉर्ड में नहीं पाए गए। इन शिक्षकों ने दूसरे दिव्यांगों के सर्टीफिकेट को एडिट कर अपने नाम का बनाना पाया गया। फर्जीवाड़े के आरोपी 16 शिक्षकों में से 5 शिक्षक स्टे लेकर आ गए हैं। पुलिस ने शेष 11 शिक्षकों पर धारा 318/4 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है।