प्रभारी मंत्री के पैर पकड़कर आदिवासी दंपती ने लगाई गुहार, सिस्टम ने बुजुर्गों को घोषित किया मृत
एक आदिवासी बुजुर्ग दंपती प्रभारी मंत्री के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाया। लाख मिन्नतें की। प्रभारी मंत्री ने भी दंपती की पीड़ा को महसूस करते हुए उनको हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रशासन को निर्देश दिए, मगर बेदर्द सिस्टम गरीब आदमी की भला सुनता कहां है?
ये है पूरा मामला
पन्ना जिला मुख्यालय के जनवार गांव के निवासी बुजुर्ग भूरा आदिवासी, उनकी पत्नी केशकली आदिवासी बीते एक माह से प्रशासन से अपने जिंदा होने का सबूत मांग रहे हैं। कुछ साल पहले दबंगों ने उन्हें कागजों में मृत घोषित करवाकर उनकी 6 एकड़ जमीन पर कब्जा कर ली थी।
माली हालत के कारण वह किसी से लड़ नहीं सके। बीते माह जब प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार जनवार गांव एक कार्यक्रम में पहुंचे, तब वृद्ध दंपती अपनी भतीजी के साथ पहुंचे और प्रभारी मंत्री के पैर छूकर अपनी बात रखी। कहा, साहब हमें हमारी जमीन दिलवा दो।
कलेक्टर ने जांच के दिए आदेश
प्रभारी मंत्री ने पन्ना कलेक्टर से तत्काल मामले में जांच कराने को कहा, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। बुजुर्ग दंपती अब भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। प्रभारी मंत्री से मिलने के पूरे एक महीने बाद भी हालात जस के तस हैं।
उम्मीद की राह देख रहे दंपती
दंपती अब भी अपने घर के दरवाजे पर बैठकर रोज उम्मीद करते हैं कि शायद कोई सरकारी बाबू आकर कहे कि आपकी जमीन और सरकारी कागज बन गए हैं, मगर उनकी यह उम्मीद आज भी अधूरी है। कागजों में मृत होने के कारण यह दंपती किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहा है। न वृद्धावस्था, न इलाज, न पीएम आवास और न ही दो वक्त की रोटी के लिए राशन। एसडीएम संजय कुमार नागवंशी ने कहा कि सभी विभागों को चिट्ठी लिख दी गई है। हम इस मामले में कार्यवाही कर रहे हैं।
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