भाजपा विधायक की सब इंस्पेक्टर बहू के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र
एक पत्र से जिले की राजनीति में उबाल आ गया है। यह पत्र जिला पंचायत अध्यक्ष ने भाजपा विधायक की सब इंस्पेक्टर बहू को हटाने मुख्यमंत्री को लिखा है। जिसमें कहा है कि विधायक के विधानसभा क्षेत्र में वह थाना प्रभारी हैं और संरक्षण में वह जमकर भृष्टाचार कर रही हैं। इससे बड़े जन आंदोलन की आशंका है। इस पर भाजपा विधायक ने जवाब दिया है तो वहीं कांग्रेस ने भी इस मामले में चुटकी ली है।
ये है मामला
मामला अशोकनगर के ईसागढ़ थाने में एसआई मीना रघुवंशी का है, जो भाजपा के चंदेरी विधायक जगन्नाथसिंह रघुवंशी के भतीजे की पत्नी हैं और वह चंदेरी विधानसभा के ईसागढ़ थाने की थाना प्रभारी हैं। भाजपा नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष राव अजयप्रतापसिंह यादव ने मुख्यमंत्री, डीजीपी, आईजी, कलेक्टर व एसपी को लिखे पत्र में कहा है कि मीना रघुवंशी चंदेरी विधानसभा के प्रभावशाली जनप्रतिनिधि की पुत्रवधु हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि के संरक्षण में क्षेत्र के लोगों को बेवजह पैसा वसूली के लिए झूठे केस में फंसाकर अत्याचार करती हैं। साथ ही लिखा है कि क्षेत्र में भारी भ्रष्टाचार जैसे जुआ, सट्टा, शराब, गांजा, चरस व रिश्वतखोरी का कारोबार करती हैं।
भाजपा विधायक बोले आरोप निराधार
भाजपा विधायक जगन्नाथसिंह रघुवंशी ने इन आरोपों को निराधार बताया है और जवाब दिया है कि जिनके घर पत्थर के होते हैं वह दूसरे घरों पर पत्थर नहीं फैंका करते। साथ ही कहा कि यदि किसी को पागल कुत्ते ने काट लिया है उसका इलाज तो पागलों के अस्पताल में ही होगा, यहां तो कोई इलाज नहीं है।
कांग्रेस ने ली चुटकी
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा पार्टी दो गुटों में बंट गई है और भाजपा कार्यकर्ताओं में संघर्ष की स्थिति है। इस पत्र में जिपं अध्यक्ष का कहना है कि मीना रघुवंशी सब इंस्पेक्टर होते हुए लंबे समय से थाना प्रभारी पद पर पदस्थ हैं। इससे क्षेत्र में डर व भय का माहौल है, जिससे पुलिस की छबि खराब हो रही है। साथ ही पत्र में जिपं अध्यक्ष ने मांग की है कि एसआई मीना रघुवंशी को तत्काल ईसागढ़ थाने से हटाया जाए, नहीं तो क्षेत्रवासियों में भारी व्याप्त होने से जन आंदोलन की आशंका है। इसलिए जनहित में ईसागढ़ थाना प्रभारी का तत्काल हटाना चाहिए।
शिकायत नहीं सुनी तो मैंने सीएम को लिखा पत्र
अपने भतीजे की पत्नी एसआई मीना रघुवंशी को विधायक ने ईसागढ़ थाना प्रभारी बनवा रखा है। जिसकी मैंने पूर्व में भी व्यक्तिगत रूप से शिकायत की है, लेकिन कोई विचार नहीं हुआ तो अब मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मैं उस क्षेत्र का जिपं सदस्य हूं, तो लोग व्यक्तिगत रूप से मुझे अपनी पीड़ा बताते हैं। यदि कार्रवाई नहीं होती तो लोग जन आंदोलन कर सकते हैं। मैं भी भाजपा का हूं और विधायक भी भाजपा के हैं, थाना जनता का होता है राजनीतिक पार्टी का नहीं होता।
राव अजयप्रताप सिंह यादव, अध्यक्ष जिपं अशोकनगर
सोशल मीडिया पर पत्र देखा है, पहला मामला नहीं है
सोशल मीडिया पर यह पत्र देखा है, यह पहला मामला नहीं है। पूरे प्रदेश में भाजपा कई गुटों में बंट चुकी है। जगह-जगह ऐसे मामले सामने आ रहे हें। सभी को पता है कि अभी हाल ही में जिले में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें पार्टी दो गुटों में बंट गई। जिले में भी कुछ इसी तरह के हाल हैं और भाजपा में कार्यकर्ताओं में संघर्ष की स्थिति है।
राजेंद्रसिंह कुशवाह, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
ऐसी कोई बात नहीं है...
ऐसी कोई बात ईसागढ़ थाना क्षेत्र में नहीं है। पहले एसपी विनीतकुमार जैन थे जो डीआइजी बनने के भी सात माह यहां एसपी रहे। यदि कोई बात होती तो वह कार्रवाई करते। अब नए पुलिस कप्तान आ गए हैं, उनके सामने भी ऐसी कोई बात नहीं है। यह तो वह लोग कह रहे हैं जिनके घर कांच के बने होते हैं, वह दूसरे घरों पर पत्थर नहीं फैंका करते। वो हटाने वाले या पब्लिक का नुमाइंदा कौन होता है। यह जिम्मेदारी एसपी की होती है कि किस थाने में क्या हो रहा है। किसी को पागल कुत्ते ने काट लिया तो उसका इलाज तो पागलों के अस्पताल में ही होगा, यहां तो कोई इलाज नहीं है।
जगन्नाथसिंह रघुवंशी, विधायक चंदेरी

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