अशोक नगर में दीपावली से पहले दुकानों के लिए अनोखी जंग, सड़कों के साथ हवा में लटका बाजार

दीपावली की रौनक जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे देशभर के बाजारों में चहल-पहल भी बढ़ती जा रही है। लेकिन, इस बार मध्य प्रदेश के अशोकनगर के गांधी पार्क में दीपावली बाजार की तस्वीर कुछ हटकर नजर आ रही है। यहां अस्थायी दुकानदारों ने जगह पाने के लिए जमीन ही नहीं, हवा में भी कब्जा जमाना शुरू कर दिया है।

किसी ने 8 फीट ऊंचाई पर पलंग बांधकर उसपर तिरपाल डाल दी है तो किसी ने ओवरब्रिज की रेलिंग से तिरपाल लटकाकर अपना स्थान 'आरक्षित' कर लिया है। पार्क में जगह पाने की इस अनोखी होड़ ने राहगीरों को हैरत में डाल दिया है। आमतौर पर जहां दुकानें जमीन पर लगती हैं, वहीं अब हवा में झूलते पलंग और तिरपाल एक अलग ही नजारा पेश कर रहे हैं।

गांधी पार्क में हर साल दीप, मटके, झालरें, पूजा-सामग्री और सजावट की चीजें बेचने वाले अस्थायी दुकानदारों की भीड़ लगती है। इस बार दुकानें लगाने की होड़ दीपावली से पांच दिन पहले ही शुरू हो गई। कई दुकानदारों ने पहले ही खाली ठेले खड़े कर दिए हैं, तो कुछ ने हवा में ही अपना ढांचा टांग दिया। स्थिति यह हो गई कि पूरा पार्क एक रंग-बिरंगे मेले का दृश्य प्रस्तुत करने लगा लेकिन जमीन पर कम, हवा में ज्यादा।

बढ़ती अव्यवस्था को देखते हुए नगरपालिका अध्यक्ष नीरज मानोरिया ने गांधी पार्क का निरीक्षण किया और दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिए कि दुकानें इस प्रकार न लगें जिससे यातायात बाधित हो या आमजन को परेशानी हो। उन्होंने कहा कि अब गांधी पार्क में और ठेले नहीं बढ़ेगे। साथ ही उन्होंने बताया कि सुभाषगंज क्षेत्र में दीपावली के तीन दिन वैकल्पिक बाजार लगाया जाएगा, जहां बाकी दुकानदारों को समायोजित किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्थायी दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित न हो।

दीपावली की चमक में छुपी एक सच्चाई

दीपावली के इस व्यापारिक मौसम में छोटे दुकानदारों की तैयारी और संघर्ष एक अलग ही कहानी कहता है। दुकान लगाने के लिए किया जा रहा यह अनोखा ‘संघर्ष’ दिखाता है कि त्यौहार पर रोजी-रोटी के लिए लोग कैसे जुगाड़ से लेकर जद्दोजहद तक हर रास्ता अपनाने मजबूर हैं। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह बाजार की व्यवस्था बनाए रखे और साथ ही छोटे दुकानदारों को भी पर्याप्त स्थान और सुविधा उपलब्ध कराएं ताकि हर छोटा दुकानदार दीपावली पर कुछ कमाई कर सके।