गांव गांव बिक रही अवैध शराब पुलिस महकमा और आबकारी विभाग बना मूकदर्शक
विंध्य क्षेत्र में नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विशेष आदेश किया है लेकिन सीएम के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए यहां के राशुखदार अपने व्यापार का पैर व्यापक पैमाने पर पसार रहे है,उसका कारण है अधिकारियों की नाकामी।क्योंकि इस तरफ किसी की नजर नहीं जा रही है जबकि यह बहुत बड़ी समस्या है अपनी पीढ़ी के लिए।
विंध्य क्षेत्र में नशे की भारी खेप खप रही
विंध्य क्षेत्र में जिस तरह से रीवा जिला नशे में अव्वल रहा है उसी तरह से सिंगरौली जिला भी अब पीछे नहीं रहा, आगे बढ़ने की होड़ ने अब सिंगरौली को भी नशे के कारोबारियों ने बड़ा दर्जा दिलाया है, जिस तरह से रीवा में चाकघाट के रास्ते उत्तर प्रदेश से अवैध शराब,गांजा, अफीम, हीरोइन आ रहा है उसी तरह से सिंगरौली में भी खनहना और सोनभद्र के रास्ते नशे की भारी खेप आ रही है।
गांव गांव बिक रही शराब
सिंगरौली जिले के कई गांव में अब पान की गुमटी, किराना दुकानें, छोटे होटल इन सबमें अवैध शराब परोसी जा रही है , पुलिस के कई बीट प्रभारी के क्षेत्र में यह गोरखधंधा बड़े पैमाने पर पैर फैला दिया है लेकिन मजाल हो पुलिस को तनिक भनक भी लगे।
पुलिस की चेकिंग सिर्फ नाममात्र की
एक तरफ हर थाना और यातायात थाने की विशेष चेकिंग शाम होते ही लग जाती है जिसमें आते है रोजमर्रा के काम में जाते हुए कामगार, मजदूर, दूधवाला,भूसा वाला,गांव घर के छोटे झोलाछाप डॉक्टर या फिर किसी अस्पताल में मरीज को देखने जा रहे उसका चिरपरिचित व्यक्ति ,लेकिन मजाल हो कि पुलिस को वो 2 पहिया या 4 पहिया वाहन दिख जाए जिसमें अवैध शराब की खेप गांव गांव पहुंचाई जा रही है।
जनप्रतिनिधि भी भूले अपनी जिम्मेदारी
गांव में फैल रहे से अवैध तंत्र के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि ने इस पर कोई पहल नहीं की न ही कोई विशेष चौपाल लगाई ,नेताओं के पास खेत में हल जोतते,खेत में बीज डालते, खेत की कटाई करते हुए फोटो शूट कराना जरूरी है लेकिन सुरसा के जैसे मुंह फैलाए हुए इस नशे के दलदल को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं है।
विधायक, सांसद, जिलापंचायत अध्यक्ष, सदस्य सरपंच इन सबकी जिम्मेदारी बनती है कि इस पर कोई पहल करें और समाज के हित में एक नई मिशाल पेश करें।
संवादददाता :- आशीष सोनी
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