आदिवासी युवक की संपत्ति पर डाका – मंत्री और पटवारी पर गंभीर आरोप, सरकार आखिर मौन क्यों?
बैगा महिलाओं से ज़मीन ठगने का गंभीर आरोप
झगरौहा, चिकनी, बैरीटोला, कुसमहवा और चितरंगी गाँवों की बैगा जनजाति की महिलाएँ—रणमतिया, सोनवा, देवकली, लल्ली देवी और हिनमती—ने थाना चितरंगी में एक सनसनीखेज़ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह, पटवारी रमाशंकर बैस और उनके साथियों ने मिलकर छल–कपट से उनकी पैतृक ज़मीन अपने नाम करा ली।
बताया जा रहा है कि खसरा क्रमांक 627, 701, 647, 645, 678, 643 और 667 की कुल 0.84 हेक्टेयर भूमि, जिसकी क़ीमत लगभग 40 लाख रुपये आँकी जाती है, मात्र 2 लाख रुपये नकद दिखाकर मंत्री व उनके सहयोगियों के नाम कर दी गई। अशिक्षित बैगा महिलाएँ वारिसाना दर्ज कराने के बहाने रजिस्ट्री ऑफिस बुलायी गईं और उन्हें असलियत का पता दो महीने बाद चला।
सत्ता का दबाव और प्रशासन की चुप्पी
पीड़ित महिलाओं ने अगस्त में थाना चितरंगी में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन आज तक न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही किसी आरोपी पर कार्रवाई। सवाल साफ़ है—क्या पुलिस और प्रशासन मंत्री व पटवारी के रसूख और दबंगई के आगे नतमस्तक हैं? जब सत्ता में बैठे लोग ही आदिवासी महिलाओं की ज़मीन हड़प लेंगे तो उनकी रक्षा कौन करेगा?
क्या आदिवासी सिर्फ़ वोट बैंक
सरकार चुनावों के समय आदिवासियों को आरक्षण और योजनाओं का झुनझुना थमाकर उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है। पर जब उन्हीं आदिवासियों की ज़मीन, इज़्ज़त और हक़ पर हमला होता है, तब सत्ता और प्रशासन दोनों चुप्पी साध लेते हैं। यह वही दोहरा चरित्र है जिसने आदिवासी समाज को बार–बार ठगा है।
सरकार की नैतिक परीक्षा
यह मामला सिर्फ़ एक ज़मीन ठगी का नहीं, बल्कि सरकार की नैतिकता और संवेदनशीलता की परीक्षा है। यदि मुख्यमंत्री तत्काल हस्तक्षेप कर मंत्री और पटवारी सहित सभी आरोपियों पर सख़्त कार्रवाई नहीं करते, तो यह संदेश जाएगा कि सरकार अपने आदिवासी नागरिकों की रक्षा करने में असफल है और सत्ता का संरक्षण अपराधियों को ढाल प्रदान कर रहा है।
आदिवासी महिलाओं की ज़मीन पर डाला गया यह डाका सिर्फ़ कानून के राज पर कलंक नहीं, बल्कि उस नैतिक दिवालियापन का प्रतीक है जिसमें अपराधी सत्ता के संरक्षण में फल–फूल रहे हैं। अब वक्त है कि सरकार कथनी और करनी का फ़र्क मिटाकर यह साबित करे कि आदिवासी समाज सिर्फ़ वोट बैंक नहीं, बल्कि इस राज्य का सम्मानित और बराबरी का हिस्सा है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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