भाजपा नेता ने NHAI प्रोजेक्ट डायरेक्टर को क्यों बताया तानाशाह? किसके राजनीतिक दबाव में कर रहे परेशान
भोपाल-सागर हाईवे में विदिशा बायपास के पास स्थित हाईटेंशन लाइन के टॉवर की शिफ्टिंग के मामले में एनएचएआइ परियोजना निदेशक तानाशाह की तरह कार्य कर रहे हैं। राजनीतिक दबाव में उनके द्वारा परेशान किया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष गीता रघुवंशी के प्रतिनिधि व पति कैलाश रघुवंशी ने यह आरोप लगाया। रघुवंशी ने कहा कि परियोजना निदेशक सिद्धांत सिंघई ने उन पर टॉवर शिफ्टिंग कार्य में बाधा उत्पन्न करने का झूठा आरोप लगाया है। यह पूरी तरह से निराधार है।
राजनीतिक दबाव में कर रहे परेशान- भाजपा नेता
उन्होंने कहा कि हकीकत यह कि पीडी राजनीतिक दबाव में परेशान कर रहे है। टॉवर शिफ्टिंग के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं कराया जा रहा है। उन्हें राजस्व भूमि अधिग्रहण से संबंधित नोटिस विभाग की ओर से कई महीनों बाद दिया गया। उसमें वार्ड क्रमांक गलत है। नोटिस के जरिए जिस नंबर की भूमि के अधिग्रहण की बात कही गई है, टॉवर उस भूमि के अलावा अन्य जगह शिफ्ट किए जाने का कार्य किया जा रहा है।
आरोप- जिला पंचायत अध्यक्ष को बैठक में किया नजरअंदाज
जिला पंचायत अध्यक्ष गीता रघुवंशी ने दिशा की बैठक में हाईवे निर्माण में गुणवत्ता को नजरअंदाज किए जाने और सड़कों को क्षतिग्रस्त किए जाने का मुद्दा उठाया था। यही वजह है कि पीडी राजनीति से प्रेरित व दुर्भावना से ग्रस्त होकर उन्हें परेशान कर रहे है। गौरतलब है कि विदिशा बायपास में हाईवे के किनारे ग्राम शेरपुर मुजाफ्ता में बिजली के हाईटेंशन लाइन के टॉवर को शिफ्ट किया जाना है।
एनएचएआइ द्वारा यह टॉवर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि के खेत में शिफ्ट किया जा रहा है। पिछले कई महीनों से इस मामले में पीडी व अध्यक्ष प्रतिनिधि के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एनएचएआइ के परियोजना अधिकारी ने पिछले सप्ताह अध्यक्ष प्रतिनिधि पर टॉवर शिफ्टिंग में अवरोध उत्पन्न किए जाने का आरोप लगाया था।
अध्यक्ष ने कहा, एसडीएम ने नहीं सुनी बात
जिला पंचायत अध्यक्ष गीता रघुवंशी ने कहा कि वह परिवार के साथ प्रदेश से बाहर थी। इस दौरान उन सब की अनुपस्थिति में उनके पति के खेत में एनएचएआइ ने टॉवर शिफ्टिंग का कार्य शुरू कर दिया। एसडीएम क्षितिज शर्मा की मौजूदगी में कार्य शुरू किया गया। अध्यक्ष ने बताया कि बाहर रहने के दौरान उन्हें जब कार्य शुरू होने की जानकारी मिली तो उन्होंने एसडीएम से उनके लौटने तक कार्य रोके रहने को कहा, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।

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