सरदार श्री वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मेरा युवा भारत द्वारा निकाला जायेगा सरदार @ 150 यूनिटी मार्च
केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने कहा कि हम इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती मनाने के लिए अपने क्षेत्र में सरदार@150 यूनिटी मार्च की शुरुआत कर रहे हैं। यह क्षण हम सभी के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है, उस पुरुषार्थ को नमन करने का, जिसने बिखरे हुए भारत को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का स्वरूप दिया। उन्होंने बताया कि हम सभी जानते हैं कि सरदार पटेल जी को लौहपुरुष कहा जाता है। लेकिन उनके व्यक्तित्व की असली शक्ति केवल लौह जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति नहीं थी, बल्कि उनका अडिग विश्वास था भारत एक है, भारत अखंड है, और भारत सदा-सर्वदा अखंड रहेगा। साथियों, यह वही विश्वास है जिसे आज विकसित भारत 2047 के संकल्प के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आगे बढ़ा रहे हैं।केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत 6 अक्टूबर के दिन केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जी के हाथों देशभर में डिजिटल फेज की शुरुआत हो चुकी है। 6 अक्टूबर से युवा सोशल मीडिया रील प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू कर चुके हैं, निबंध लिख रहे हैं और यंग लीडर्स प्रोग्राम से भी भारी संख्या में जुड़ रहे हैं, तो यह केवल प्रतियोगिताएँ नहीं होंगी। यह सरदार के विचारों को हर दिल तक पहुँचाने का एक साधन बन रहा है।
इस अभियान का दूसरा चरण हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा, युवाओं के साथ क्षेत्र में निकलूँगा। 31 अक्टूबर से 25 नवंबर तक जिला स्तर पर पदयात्राएँ होने वाली है। अपनी पदयात्राओं में नशामुक्त भारत का संकल्प लिया जाएगा। यह केवल आयोजन नहीं होंगे, यह जन-जागरण का महायज्ञ होगा और जैसे सरदार पटेल ने रियासतों को जोड़कर एक भारत का निर्माण किया था, वैसे ही ये पदयात्रा हमारे क्षेत्र के लोगों के दिलों को जोड़ने का काम करेंगी। हम संस्कृति का गौरव पेश करेंगे जोकि एक भारत श्रेष्ट भारत की भावना पेश करेगा।
विकसित भारत बनाने की दिशा में मोदी सरकार की जो जनकल्याणकारी योजनाएं हैं, स्वच्छता अभियान हम पदयात्रा के रूट पर चलाएंगे और इस पूरे अभियान में माय भारत, एनएसएस के स्वयंसेवक हमारा सहयोग करेंगे। स्कूल, कॉलेजों के युवा सरदार पटेल जी के सपनों और संकल्पों का भारत बनाने के लिए हमारे जिले में 3 दिनों की इस पदयात्रा में 8 से 10 किलोमीटर तक की दूरी तय करेंगे। समाज का हर आयु वर्ग, हर तबका इससे जुड़ेगा, हम इसका पूरा प्रयास करेंगे और आप पहली बार एक समाज के तौर पर, एक लघु भारत के तौर पर हमारे क्षेत्र को देखेंगे।
कन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने बताया कि जिला स्तरीय पदयात्रायें 31 अक्टूबर से 25 नवम्बर 2025 तक हर संसदीय क्षेत्र के सभी जिलों में 3 दिनों तक 8-10 किमी लंबी पदयात्रा होगी। पदयात्रा से पहले स्थानीय लोगों में माहौल बनाने के लिये स्कूल, कॉलेजों में अलग-अलग प्री ईवेंट गतिविधियां जैसे के निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, सरदार पटेल जी के जीवन पर संगोष्ठी का आयोजन करवाया जायेगा। इसके साथ ही युवाओं के बीच नशामुक्ति भारत शपथ श्गर्व से स्वदेशीश् संकल्प भी दिलवाए जायेंगे। इस दौरान स्वच्छता अभियान का भी आयोजन होगा।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने बताया कि पदयात्रा के दौरान सरदार पटेल की प्रतिमा/चित्र पर श्रद्धांजलि, आत्मनिर्भर भारत शपथ, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रमाणपत्र वितरण होगा। राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्टेट कैबिनेट मंत्री, सांसद, स्थानीय प्रशासन, माय भारत और एनसीसी अधिकारी इन यात्राओं का नेतृत्व करेंगे। ऐसे युवा साथी, जिनके कामों से हमें प्रेरणा मिलती है, जिन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया है, जिन्हें हम लवनजी पबवद मानते हैं, ऐसे युवा जो प्रधानमंत्री जी के एक लाख यंग लीडर्स वाला सपना पूरा कर सके, हम उन सभी युवाओं को इस पदयात्रा में अपने साथ जोड़ेंगे। इस पदयात्रा के दौरान हमारे क्षेत्र के सभी स्वयं सेवी संगठन भी हमारे साथ जुड़ेंगे, सभी स्कूल्स और कॉलेजों के छात्रों से भी बेहतर समन्वय बनाते हुए हम उन्हें भी इसके साथ जोड़ेंगे।
इस अभियान का सबसे बड़ा अध्याय शुरू होगा 26 नवंबर को संविधान दिवस के दिन। उस दिन हमारे क्षेत्र के हर जिलों से 2-2 पदयात्री सरदार पटेल की जन्मभूमि करमसद से लेकर एकता के प्रतीक स्टेच्यु ऑफ यूनिटी केवड़िया तक 152 किलोमीटर की ऐतिहासिक पदयात्रा, देशभर के अन्य पदयात्रियों के साथ करेंगे। राष्ट्रीय पदयात्रा 26 नवंबर 6 दिसंबर 2025 तक आयोजित की जायेंगी। 152 किमी की पदयात्रा करमसद (पटेल जी का जन्मस्थान) से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया तक निकाली जाएगी। रास्ते के गाँवों में सामाजिक विकास कार्यक्रम होंगे, जिनमें माय भारत, एनएसएस के स्वयंसेवक, एनसीसी केडेट्स और युवा लीडर भाग लेंगे। 150 पड़ावों पर सरदार पटेल के जीवन पर विकसित भारत की प्रदर्शनी और भारत की विविध संस्कृति का उत्सव मनाया जाएगा।
हर शाम से सरदार गाथा होगी, जिसमें पटेल जी के जीवन और योगदान की कहानियाँ सुनाएँगे। यह पूरी यात्रा हमें याद दिलाएगी है कि स्वतंत्रता का संघर्ष आत्मनिर्भरता के संकल्प से ही जीता गया था और आज जब मैं अपने क्षेत्र में सरदार पटेल के विचारों को, इस पदयात्रा के जरिए जीने की बात करता हूँ, तब मैं वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भी युवाओं के बीच लेकर जाऊंगा, जिसे सरदार पटेल जी ने दिखाया था और मोदी जी आगे बढ़ा रहे हैं। हमें याद रखना होगा कि सरदार पटेल जी ने रियासतों को जोड़ा था, हमें सपनों को जोड़ना है। सरदार पटेल जी ने नक्शे पर भारत को एक किया था, हमें दिलों और आत्माओं में भारत को एक करना है।ये एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने हमारे कंधे पर दी है और अब हमें प्रधानमंत्री मोदी जी की लीडरशिप में उसे पूरा करना होगा। जब हम सरदार पटेल को याद करते हैं, तो हमें यह भी याद रखना होगा कि उनका सपना केवल उस समय के लिए नहीं था। वह सपना आने वाली पीढ़ियों के लिए था। और आज वह पीढ़ी हम हैं। यह हमारा कर्तव्य है, यह हमारा धर्म है कि हम अखंड भारत के उस स्वप्न को आत्मनिर्भर और विकसित भारत के रूप में साकार करें।
संवाददाता :- मुहम्मद ख्वाजा

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