सिंगरौली जिले की खुटार पंचायत में करोड़ों का घोटाला उजागर, जबलपुर हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश — 60 दिन में पेश करो रिपोर्ट
ग्राम पंचायत खुटार में वर्षों से चल रहे कथित भ्रष्टाचार के मामले ने अब न्यायालय की चौखट तक दस्तक दे दी है। पंचायत में करोड़ों रुपये के फर्जी बिलों और विकास निधि के दुरुपयोग के आरोपों पर जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय सुनाया है। न्यायालय ने राज्य सूचना आयोग, भोपाल को आदेश दिया है कि 60 दिनों के भीतर संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की जाए और रिपोर्ट अदालत में दाखिल की जाए।
मामले के अनुसार, ग्राम पंचायत खुटार में सरपंच सरिता पनिका और पंचायत सचिव पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी राशि में हेराफेरी कर फर्जी बिलों के माध्यम से विकास निधि का दुरुपयोग किया। इस मामले में जिला पंचायत सिंगरौली ने सचिव के खिलाफ धारा 92 के तहत एफआईआर दर्ज की है, जबकि सरपंच के विरुद्ध धारा 40 के अंतर्गत कार्यवाही प्रचलन में है।
भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने लाने के लिए लक्ष्मी नारायण ने पंचायत में आरटीआई दायर की, लेकिन न तो ग्राम पंचायत और न ही जनपद पंचायत बैढ़न ने जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने राज्य सूचना आयोग भोपाल में द्वितीय अपील की, वहां भी कोई उत्तर नहीं मिला।
आख़िरकार, 30 अप्रैल 2025 को लक्ष्मी नारायण ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की। इस मामले की पैरवी जबलपुर अधिवक्ता नीलम शाह और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता गौरव प्रकाश शाह ने की।
लंबी सुनवाई के बाद, 13 नवंबर 2025 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि “राज्य सूचना आयोग भोपाल 60 दिनों के भीतर संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करे।”यह फैसला उन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए कड़ा संदेश माना जा रहा है जो जनता के धन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
लक्ष्मी नारायण ने कहा —
“हमने केवल सच्चाई और पारदर्शिता की मांग की है।"हाईकोर्ट का यह फैसला जनता के अधिकार का पहला कदम है।अब पूरा सच सामने आकर रहेगा — चाहे कितने भी प्रभावशाली लोग क्यों न हों,अदालत के आगे सबको जवाब देना होगा।”यह मामला अब जिले और राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।जनता की नजरें अब आने वाली 60 दिनों की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे पंचायत की असल तस्वीर सामने आने की उम्मीद है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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