76वां संविधान दिवसः 9 भाषाओं में जारी हुआ कॉन्स्टिट्यूशन, राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए मिसाल
देश आज 76वां संविधान दिवस मना रहा है। संविधान सदन (पुराना संसद भवन) के सेंट्रल हॉल में खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) की अध्यक्षता में ये कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृषण, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकाजुर्न खरगे समेत सभी सांसद शामिल हुए। राहुल गांधी हाथ में संविधान की कॉपी लेकर सेंट्रल हॉल पहुंचे।
उपराष्ट्रपति बोले- हमारा संविधान बुद्धि, जीवन के अनुभव, त्याग, उम्मीदों से जन्मा है
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन ने कहा, हमारा संविधान उत्कृष्ट और महान लीडर्स द्वारा संविधान सभा में तैयार हुआ। विचार-विमर्श के बाद अंगीकृत किया गया। यह उन देशवासियों की सामूहिक बुद्धिमत्ता, त्याग और सपनों का प्रतीक है, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई लड़ी। महान विद्वानों, ड्राफ्टिंग कमेटी और संविधान सभा के सदस्यों ने करोड़ों भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गहन और सुदूरदर्शी विचार दिए। उनके निःस्वार्थ योगदान ने भारत को आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया है। हमारा संविधान बुद्धि, जीवन के अनुभव, त्याग, उम्मीदों और आकांक्षाओं से जन्मा है। हमारे संविधान की आत्मा ने सिद्ध कर दिया है कि भारत एक है और हमेशा एक ही रहेगा।
ओम बिरला ने संविधान सभा को किया याद
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संविधान सभा को याद किया और राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, संविधान सभा का केंद्रीय कक्ष वह स्थान है, जहां संवाद और विचार मंथन के बाद संविधान को आकार दिया गया. जनता की आकांक्षाओं को ध्यान में रखा गया।
PM मोदी ने संविधान दिवस पर देशवासियों के नाम लिखी चिट्ठी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को पत्र लिखा। उन्होंने 1949 में संविधान के ऐतिहासिक अंगीकरण को याद करते हुए इसकी राष्ट्र की प्रगति में मार्गदर्शक भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2015 में सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया था, जिससे इस पवित्र दस्तावेज का सम्मान किया जा सके। प्रधानमंत्री ने लिखा कि कैसे संविधान ने समान्य पृष्ठभूमि के लोगों को देश की सर्वोच्च सेवाओं में योगदान करने का सामर्थ्य दिया है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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