जंगल में लाखों पेड़ों की कटाई के लिए पुलिस ने बनाया घेरा, सुबह से लेकर शाम तक कटाई जारी


अदानी समूह के कॉल ब्लॉक के लिए वन विभाग द्वारा पेड़ों की कटाई का काम मंगलवार से शुरू कर दिया गया। पहले दिन सुबह 7 बजे से लेकर देर शाम 7 बजे तक करीब 5000 पेड़ों को काटा गया है। इसे लेकर वहां निवासरत आदिवासी समुदाय द्वारा विरोध भी किया गया। जिसे रोकने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। परिणाम स्वरुप भारी पुलिस बाल के कारण उन्हें शांत रहना पड़ा। गौरतलब है कि जिले के लघाडोल के बेरदहा में समस्त थाना बाल से फोर्स बुलाकर उनकी निगरानी में जंगल की कटाई का काम जारी है। सूचना की माने तो पुलिस प्रशासन द्वारा जंगल को घेर लिया गया है। वहीं किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों को भी कटाई के दौरान का वीडियो व फोटोग्राफी नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई है। जानकारी अनुसार यहां करीब अनुमानित डेढ़ लाख पेड़ों की कटाई की जानी है। जिसे लेकर वन विभाग द्वारा भी एनओसी जारी कर दी गई है, क्योंकि यह पेड़ वन विभाग की भूमि पर लगे हुए हैं और उनके द्वारा ही उन पेड़ों की कटाई कराई जा रही है। विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सिंगरौली जिले समेत निकटम सीधी, मऊगंज से भी पुलिस बल की तैनाती की गई है। वहीं भोपाल से भी आज अतरिक्त बल बुलाया गया है।

गौरतलब है कि सिंगरौली जिले के लंघाडोल में अडानी कोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर पूर्व से ही विवाद हो रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश के धिरौली में अडानी ने अपनी कोयला खदान के लिए सरकारी और वनभूमि पर पेड़ काटना शुरू कर दिया है । जंगलों की यह कटाई बिना स्टेज-II फॉरेस्ट क्लियरेंस के और वनाधिकार अधिनियम, 2006 (FRA) व PESA, 1996 का घोर उल्लंघन करते हुए। गाँववाले, जिनमें ज़्यादातर अनुसूचित जनजाति समुदाय और यहाँ तक कि एक विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूह (PVTG) शामिल हैं, इसका उचित ही विरोध कर रहे हैं। वही जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश सरकार और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इन आरोपों का खंडन किया है। सरकार का दावा है कि सभी आवश्यक मंज़ूरियाँ और प्रक्रियाएं पूरी की गई हैं।

संवाददाता :- आशीष सोनी