पीतांबरा पीठ के मुख्य द्वार पर बड़ा हादसा टला: आठ पिलर भर भराकर गिरे, तेज धमाके से दहला परिसर


दतिया जिले के प्रसिद्ध पीतांबरा शक्ति पीठ में बुधवार रात एक बड़ी दुर्घटना होने से टल गई। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान करीब 12 में से 8 रेडीमेड लाल पत्थर के पिलर अचानक भरभराकर गिर पड़े। गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि कई भक्तों ने इसे धमाके जैसी आवाज समझकर घबराहट में इधर-उधर देखना शुरू कर दिया।

संध्या आरती के दौरान हादसा, मचा हड़कंप — घटना रात करीब 8:30 से 9 बजे के बीच की बताई जा रही है। उस समय मंदिर परिसर में माता की संध्या आरती चल रही थी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। जैसे ही पिलर गिरे, परिसर कुछ क्षण के लिए कंपन-सा महसूस हुआ और माहौल में अफरा-तफरी बन गई। सौभाग्य से किसी भी भक्त को कोई चोट नहीं आई और किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।

प्रबंधन ने स्थिति संभाली, भक्तों को सुरक्षित निकाला, पिलरों के गिरने की आवाज सुनकर मंदिर प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सुरक्षा टीम ने तुरंत निर्माण क्षेत्र की घेराबंदी कर भक्तों को सुरक्षित स्थान की ओर निर्देशित किया। कुछ ही मिनटों में स्थिति सामान्य कर दी गई।

मिनी कॉरिडोर की तर्ज पर हो रहा था निर्माण — सूत्रों के अनुसार, मुख्य द्वार का भव्य निर्माण कार्य कई महीनों से जारी था। इसे मिनी कॉरिडोर की अवधारणा पर विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए राजस्थान से 12 रेडीमेड लाल पत्थर के पिलर मंगवाए गए थे। यह सभी निर्माण स्थल पर रखे हुए थे, जिनमें से 8 पिछले रात अचानक गिर पड़े।

गुणवत्ता पर उठे सवाल, जांच के बाद स्पष्ट होगा कारण — पिलरों के गिरने के बाद स्थानीय लोगों ने निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इतने भारी पत्थरों का यूँ गिर जाना निर्माण प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करता है।

हालांकि मंदिर प्रबंधन का कहना है कि "जांच पूरी होने के बाद ही गिरावट के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। फिलहाल सुरक्षा बढ़ा दी गई है और मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।"

संवाददाता अंशुल सोनी