सहस्रो दीपकों के साथ उमड़ा आस्था का सैलाब
देव प्रबोधिनी एकादशी संपूर्ण देश में अशोकनगर में अनूठे रूप से आयोजित की जाती है। इस दिन अशोक नगर का प्रत्येक सनातनी नगर वासी ब्रह्म मुहूर्त में घर-घर दीप जलाकर व रंगोली बनाकर मंगल प्रभातफेरी में सम्मिलित होकर देवोत्थान करते हैं। इस संपूर्ण कार्यक्रम के सूत्रधार अशोकनगर के सुविख्यात आध्यात्मिक विभूति पं.कैलाशपति हैं,जिनके नेतृत्व में पिछले 35 वर्षों से देव प्रबोधिनी एकादशी की भोर अशोक नगर को वृंदावन या अयोध्या जैसा स्वरूप प्रदान करती है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष की अक्षरपीठ द्वारा मंगल प्रभात फेरी का आयोजन किया गया, जिसमें पंडित कैलाशपति ने धर्मध्वजा लेकर शंख ध्वनि के साथ नेतृत्व किया। भगवान श्री राज-राजेश्वर महादेव मंदिर से ठीक 4:45 बजे पं. कैलाशपति द्वारा शंखनाद करते हुए "श्री राम जय राम जय जय राम" के साथ प्रभातफेरी प्रारंभ की तो नगर के द्वार-द्वार पर दीप मालिकाओं के साथ आकर्षक रंगोली एवं पुष्प वर्षा करते हुए मंगल प्रभातफेरी का हार्दिक स्वागत किया गया।
इस कार्यक्रम में शंख,झालर,विजय घंटा इत्यादि मंगल वाद्य यंत्र,सरस्वती शिशु मंदिर का घोष दल,बहनों की कीर्तन मंडली के साथ-साथ संपूर्ण नगर वासीयों ने भाव विभोर होकर "श्री राम जय राम जय जय राम" संकीर्तन के साथ नगर परिक्रमा की.इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर जनप्रतिनिधियों,समाजसेवियों व मार्ग में आने वाले सनातनी परिवारों ने पुष्प वर्षा,आतिशबाजी व रंगोली के माध्यम से प्रभात फेरी का स्वागत किया।
मङ्गल प्रभात फेरी राज-राजेश्वर महादेव मंदिर से पाराशर मोहल्ला, विदिशा रोड,लंबरदार गली,चौधरी मोहल्ला,मोती मोहल्ला,प्रोसेशन रोड, बजरिया वाले हनुमान जी,इंदिरा पार्क, रामलीला मंच,तुलसी पार्क,स्टेशन रोड होते हुए वापस पुराना बाजार स्थित श्री गोपाल मंदिर पहुंची जहां पर वेद पाठी ब्राह्मणों द्वारा स्वस्तिवाचन कर प्रभात फेरी का स्वागत किया गया, तथा मंच से बहनों द्वारा महाआरती की गई।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य सूत्रधार पंडित कैलाशपति ने वैदिक मंत्रों के उद्घोष से सामूहिक देवोत्थान किया गया।
अशोकनगर की मंगल प्रभातफेरी का कार्यक्रम अब नगर की एक पुनीत परंपरा का रूप ले चुकी है,जिसमें अशोकनगर के अयोध्या-मथुरा- वृंदावन सदृश दर्शन होते हैं।
इस अवसर पर हजारों की संख्या में माताएं बहने एवं पुरुष वर्ग सम्मिलित रहे।
संवाददाता :- अवधेश दांगी
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