व्यावसायिक प्लाजा के लाखों की रेलिंग भी चोरी:कोतवाली बैढ़न के अम्बेडकर चौक समीप गनियारी प्लाजा का मामला, सवालों में घिरी पुलिस


सिंगरौली में व्यावसायिक प्लाजा गनियारी के शटर चोरी के बाद अब रेलिंग चोरी का मामला तूल पकड़ लिया है। कोतवाली पुलिस की नाकामी एवं कबाड़ माफियाओं को मिले संरक्षण पर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जाने लगे हैं।   

 यहां बताते चले कि कोतवाली से महज 300 मीटर दूर अम्बेडकर चौक के समीप व्यावसायिक प्लाजा गनियारी स्थापित है। जहां डेढ़ वर्ष पूर्व प्लाजा के जीर्ण-शीर्ण होने पर किसी अनहोनी को टालने के लिए तत्कालीन कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के निर्देश पर एसडीएम एवं निगमायुक्त ने दुकानों को खाली करा दिया गया था। जहां एक सैकड़ा से अधिक दुकानदार अपना व्यवसाय चला रहे थे। किंतु दुकानों के खाली किये जाने के बाद यहां के लोहे के शटर एवं रेलिंग पर कबाड़ माफियाओं की नजरें गिद्ध की तरह लग गई और सैकड़ों दुकानों के शटर को रातो-रात पार कर दिये। कोतवाली पुलिस को दूर-दूर तक भनक नही लगी। वहीं शटर के बाद करीब 80 प्रतिशत रेलिंग को भी कबाड़ चोरो ने काट लिया। कबाड़ चोरों ने करीब छ: महीने के अंदर इस घटना को अंजाम दिया। परंतु मजे की बात है कि पुलिस को कहीं से भनक तक नही लगी। जबकि बीच-बीच में सोशल मीडिया में शटर काट कर चोरी किये जाने का मामला प्रकाश में लाया भी जा रहा था। फिर भी लुंजपुंज पुलिस ने दुकानों को देखना परखना मुनासिब नही समझा। लिहाजा लाखों कीमत के शटर के बाद रेलिंग को भी कबाड़ चोरों ने पार करते हुये माफियाओं के यहां खफा दिया। शटर के बाद अधिकांश रेलिंग चोरी एवं गायब होने को लेकर पुलिस की रात्रिकालीन गस्त सवालों के घेरे में है। अब जिम्मेदार पुलिस अधिकारी बेहतर कानून व्यवस्था की दुहाई दे रहे थे, अब इस मामले में शायद उनकी गला रूंध जाएगी।

अम्बेडकर चौक पर तैनात रहती है बराबर पुलिस

अम्बेडकर चौक एवं व्यावसायिक प्लाजा गनियारी की अधिकतम दूरी 20 से 25 मीटर है और अम्बेडकर चौक पुलिस का प्वाइंट जोन है। यहां पर करीब-करीब 24 घंटे पुलिस तैनात किये जाने के निर्देश भी है और अधिकांश समय पुलिस तैनात भी रहती है। व्यावसायिक प्लाजा पर पुलिस की नजरें क्यों नही गई, यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है। यहां के कुछ ठेला व्यवसायी बताते हैं कि दिनमान शटर व रेलिंग गायब या चोरी नही हुआ। यह सब कुछ रात के समय ही हुआ होगा। कबाड़ चोर रात के समय शटर को काटते या दिवाल को खोद कर ही निकाले होंगे, इतने दूरी तक क्या ठोकपीट का आवाज सुनाई नही दी होगी, यह बात लोगों के गले से नही उतर रही है। यदि आम लोगों की बात माने तो कहीं न कहीं कोतवाली पुलिस जानकर भी अनजान बनी रही। जिसके चलते कबाड़ चोरों ने लाखों रूपये कीमत के शटर एवं रेलिंग को पार कर गये।

जहां नजरें नही पड़ी, कबाड़ चोरों ने वही किया हाथ साफ 

प्लाजा के अंदर करीब एक सैकड़ा दुकानें हैं। वैसेे दुकानों की संख्या तकरीबन 165 से ऊपर है। इसमें से फ्रंट के दुकानों के रेलिंग व शटर को कबाड़ चोरों ने बचा दिया और जहां सड़क से आने-जाने वाले लोगों की नजरें नही पड़ती, ऐसे दुकानों के शटर एवं रेलिंग को कबाड़ चोरों ने पार कर दिया। गायब शटर की संख्या करीब एक सैकड़ा पार है। चर्चाएं हैं कि यह सब कोतवाली पुलिस की निष्क्रियता के चलते कबाड़ माफियाओं का हौसला बुलंद है। बलियरी, चन्द्रमा टोला, कचनी, तेलाई, ताली समेत कई जगह कबाड़ माफिया अपनी-अपनी दुकाने खोले हुये हैं। शायद कोतवाली पुलिस की नजरें यहां पर ओझल हो जाती है। इसके पीछे कारण क्या है, इसे तो कोतवाली पुलिस ही बता पाएगी कि कबाड़ दुकाने कितनी वैध एवं अवैध हैं और किसके संंरक्षण में कबाड़ का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है।

इनका कहना:-

आज जानकारी मिली है। सोमवार को मैं खुद निरीक्षण करने जाउंगी और यदि शटर व रेलिंग गायब या चोरी हुई है तो इसकी सूचना एवं प्राथमिक रिपोर्ट कोतवाली में दी जाएगी।

सविता प्रधान

निगमायुक्त, नपानि सिंगरौली

संवाददाता:- आशीष सोनी