भजनलाल, वसुंधरा, गहलोत, पायलट, बेनीवाल - दिग्गजों की प्रतिष्ठा का टेस्ट है अंता उपचुनाव
भजनलाल शर्मा और वसुंधरा राजे की परीक्षा
राजस्थान की सियासत पर पैनी नज़र रखनेवाले सियासी जानकारों का कहना है कि यह उपचुनाव बीजेपी के दो बड़े चेहरों, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए नाक की लड़ाई बन चुका है।
राजनीतिक विश्लेषक श्याम सुंदर शर्मा कहते हैं, "यह उपचुनाव मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कामकाज के बारे में एक टेस्ट के जैसा है कि सरकार के बारे में जनता की राय क्या है।यह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके बेटे सांसद दुष्यंत सिंह का भी टेस्ट है कि अपने पुराने इलाके में उनका आधार कितना मज़बूत है।कंवरलाल मीणा वसुंधरा के ही करीबी थे और मोरपाल सुमन भी उनके ही पसंद हैं।"
शर्मा कहते हैं,"दो-दो बार मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने रोड शो किए हैं जो एक तरह से बीजेपी के इन दिग्गज नेताओं के लिए चुनौती बन गया है कि अगर परिणाम अनुकूल नहीं रहे तो उनके लिए यह अच्छी स्थिति नहीं होगी।"
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. हेमंत गोयल भी मानते हैं कि यह उपचुनाव भजनलाल और वसुंधरा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है।वह कहते हैं,"अंता झालावाड़ संसदीय सीट के अंदर आता है जो वसुंधरा राजे की सीट रही है और जहां से उनके बेटे दुष्यंत सांसद हैं।यहां चप्पे-चप्पे पर लोग उन्हें जानते हैं।लेकिन जब रोड शो हुआ तो बहुत बड़ी संख्या में महिलाओं ने कहा कि वे भजनलाल को देखने आई हैं,तो यह दोनों नेताओं के लिए अहम बन गया है।"
गहलोत और पायलट के लिए अहम
अंता की सीट से कांग्रेस ने बीजेपी के मोरपाल सुमन को टक्कर देने के लिए प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार बनाया है।विश्लेषकों का कहना है कि प्रदेश में जातीय समीकरण के आधार पर प्रमोद जैन भाया कमज़ोर समझे जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस ने अशोक गहलोत की वजह से वह टिकट लेने में कामयाब रहे।कांग्रेस ने इस उपचुनाव में नेतृत्व के स्तर पर एकजुटता दिखाने की पूरी कोशिश की।
श्याम सुंदर शर्मा कहते हैं,"कहा जाता है प्रमोद जैन भाया पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन की वजह से टिकट लेने में कामयाब रहे।सचिन पायलट ने भी उनके लिए रैली की, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी लगातार उनके लिए प्रचार करते रहे।ऐसे में यह उपचुनाव इस बात का भी एक टेस्ट होगा कि कांग्रेस नेताओं की इस एकजुटता का लाभ प्रमोद जैन भाया को मिला या नहीं।"
नरेश मीणा और हनुमान बेनीवाल का टेस्ट
नरेश मीणा ने अंता के उपचुनाव में एक बार फिर कांग्रेस से टिकट हासिल करने की कोशिश की।लेकिन पिछले साल नवंबर में टोंक की देवली उनियारा सीट के उपचुनाव की तरह इस बार भी जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय मैदान में आ गए हैं। यह उपचुनाव एक बार फिर इस बात का टेस्ट होगा कि नरेश मीणा जीतने के लिए चुनाव लड़ते हैं या वोट काटने के लिए।
विश्लेषक श्याम सुंदर शर्मा कहते हैं,"नरेश मीणा को इस बारहनुमान बेनीवाल, अरविंद केजरीवाल और राजेंद्र गुढ़ा ने भी समर्थन दिया है।नरेश मीणा की जाति के यहां 40 हज़ार वोटर हैं।तो उनमें से कितने उन्हें मिलते हैं, यह भी एक टेस्ट है।"
इस उपचुनाव में आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ नरेश मीणा को समर्थन देने के लिए सभा में शिरकत की और रोड शो कर अपना ताकत दिखाया।ऐसे में सब जानना चाहेंगे कि बेनीवाल का सहारा नरेश मीणा के कितने काम आया।
संवाददाता :- खुशी ढ़िमोले

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