108 एंबुलेंस व्यवस्था एवं स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती तस्वीरें आखिर क्या है पूरा मामला ?


बड़वानी जिले के अंजड़ में 108 एंबुलेंस की लेटलतीफी से नाराज स्थानीय लोगों ने अनोखे ढंग से विरोध प्रदर्शन किया है, घटना मंगलवार दोपहर की है, जब अंजड़ कस्बे में दो बाइकों की भिड़ंत में पांच युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से दो घायलों को तुरंत निजी मारुति वैन से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। इन वैनों में पीछे के दरवाजे नहीं थे और घायलों को स्ट्रेचर सहित उनमें लादकर ले जाया गया।

शेष तीन घायलों को लेने के लिए बड़वानी से 108 एंबुलेंस लगभग एक घंटे बाद अंजड़ सिविल अस्पताल पहुंची। एंबुलेंस के पायलट दीपेश उजले और ईएमटी भीकू सिंह चौहान का समाजसेवियों ने गांधीवादी परंपरा के तहत पुष्पहार पहनाकर और श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया।

अंजड़ निवासी गिरीश चौहान ने बताया कि जिले में 108 एंबुलेंस की लापरवाही और लेटलतीफी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कभी एंबुलेंस देर से पहुंचती है, तो कभी पहुंचती ही नहीं, जिससे दुर्घटनाग्रस्त या बीमार लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचने में दिक्कत होती है। हाल ही में इसी लापरवाही के कारण एक नवजात की मौत भी हो चुकी थी।

लोगों का मानना है कि इस गांधीवादी तरीके से किए गए स्वागत से शायद 108 एंबुलेंस सेवा प्रदाता अपने लापरवाह रवैये को बदलेंगे और पीड़ितों को समय पर यह सुविधा मिल सकेगी।

संवाददाता दीपक मालवीय