नगर परिषद सरई में नाली निर्माण में भ्रष्टाचार, 15 लाख के काम में लीपा-पोती का आरोप
आरोप है कि नाली निर्माण के नाम पर बिना खुदाई किए ही गिट्टी बिछा दी गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निर्माण कार्य केवल कागजों और फोटो तक सीमित है। लेवलिंग और नाली निर्माण के नाम पर केवल लीपा-पोती कर काम को पूरा दिखाने की कोशिश की जा रही है। इससे न केवल गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि शासन की मंशा को भी पलीता लगाया जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि मुख्य मार्ग से संबंधित सड़क की वास्तविक चौड़ाई लगभग 21 फीट है, लेकिन नाली निर्माण की योजना 30 से 35 फीट चौड़ाई को आधार मानकर बनाई जा रही है। यदि इस हिसाब से नाली बनाई गई, तो कई लोगों के मकानों को तोड़ने की नौबत आ सकती है, जो न केवल अनुचित है, बल्कि आम जनता के साथ अन्याय भी है, साथ ही लोगों का सवाल है कि जब मौके पर सड़क सीमित चौड़ाई की है, तो आखिर किस आधार पर अतिरिक्त चौड़ाई दिखाकर नाली निर्माण किया जा रहा है, क्या यह जानबूझकर किया जा रहा खेल है, ताकि लागत बढ़ाकर भुगतान उठाया जा सके। वहीं धनौजा वार्ड के लोगों ने जिला प्रशासन और नगर परिषद के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए। अब सवाल यह है कि यह लापरवाही ठेकेदार की है, अधिकारियों की है या जनप्रतिनिधियों की मिली भगत का नतीजा या फिर तीनों की साझी जिम्मेदारी जवाब कार्रवाई से ही मिले।
15 लाख के बजट पर सवाल
जानकारी के अनुसार इस नाली निर्माण कार्य के लिए 11 लाख से 15 लाख रुपये तक का बजट स्वीकृत किया गया है। इतने बड़े बजट के बावजूद जमीनी स्तर पर घटिया और अधूरा काम देखकर लोगों में आक्रोश है। नागरिकों का आरोप है कि ठेकेदार, नगर परिषद के अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
कांग्रेस नेता के गंभीर आरोप
स्थानीय कांग्रेस नेता अरुण जायसवाल ने इस पूरे मामले को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर सरकारी धन की बंदरबांट का मामला है। यदि निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो कई अधिकारी और ठेकेदार बेनकाब हो सकते हैं। उन्होंने मांग की है कि निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए और तकनीकी जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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