मां की ममता का मोल न कोई.! पन्ना की रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना, 3 माह की बच्ची को सियार से कैसे छुड़ाया एक शेरनी मां ने...


कहते हैं मां के सामने कोई ताकत नहीं टिकती. पन्ना जिले के घाट सिमरिया गांव में यह बात एक बार फिर सच साबित हुई, जब एक मां अपनी तीन महीने की मासूम बच्ची को बचाने के लिए जंगली सियार से भिड़ गई. यह घटना सुनने में जितनी डरावनी है, उतनी ही साहस और ममता से भरी हुई है.

देखते ही देखते ही सियार ने कर दिया हमला:

घटना उस वक्त की है जब गांव में रोज़ की तरह शांत माहौल था. घर के बाहर आंगन में तीन माह की बच्ची सो रही थी. मां पास ही चूल्हे पर खाना बना रही थी. तभी अचानक झाड़ियों की ओर से एक जंगली सियार दबे पांव आया और सो रही बच्ची पर झपट पड़ा. इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, सियार ने बच्ची को अपने जबड़े में दबोच लिया, बच्ची की तेज चीख सुनते ही मां के हाथ से सब कुछ छूट गया. वह बिना कुछ सोचे-समझे दौड़ती हुई बाहर आई. सामने का मंजर देखकर किसी का भी कलेजा कांप जाए, लेकिन मां ने डर को खुद से दूर फेंक दिया. उसने पास पड़े बर्तन उठाए और पूरी ताकत से सियार पर दे मारे. वह चीखती-चिल्लाती रही, सियार से भिड़ती रही. कुछ पल तक सियार और मां के बीच संघर्ष चलता रहा. आखिरकार मां की हिम्मत के आगे सियार टिक नहीं पाया और बच्ची को छोड़कर भाग खड़ा हुआ. लेकिन इस हमले में मासूम बच्ची बुरी तरह जख्मी हो चुकी थी. उसके सिर और आंख के पास गहरी चोटें आई हैं. परिजन घबराए हुए बच्ची को तुरंत गुनोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज किया. हालत नाजुक देखते हुए बच्ची को जिला अस्पताल पन्ना रेफर कर दिया गया, जहां उसका इलाज जारी है.

गांव में डर का माहौल:

इस घटना के बाद पूरे गांव में डर का माहौल है. लोग अपने छोटे बच्चों को बाहर सुलाने से डरने लगे हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से मांग की है कि इलाके में गश्त बढ़ाई जाए और जंगली जानवरों से सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं. यह घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि मां की ममता और हौसले की ऐसी मिसाल है, जो लंबे समय तक याद रखी जाएगी. एक मां ने अपनी जान की परवाह किए बिना मौत से लड़कर अपनी बच्ची को बचा लिया.


संवाददाता- कृपाल पटैल