रिलायंस पावर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल: ₹68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी का मामला...

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी की रिलायंस पावर लिमिटेड और उसके 10 अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए एक चार्जशीट दाखिल की है। 2024 का ये मामला एक फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा है, जिसकी कीमत 68.2 करोड़ रुपए थी। यह गारंटी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) से एक टेंडर हासिल करने के लिए जमा की गई थी। ED की जांच में पता चला है कि रिलायंस ग्रुप के अधिकारी इस फर्जीवाड़े के बारे में पूरी तरह जानकार थे।

आरोप क्या हैं..?

ED का कहना है कि रिलायंस ग्रुप के अधिकारियों ने 'कॉनिर्वेस' (साजिश) और 'माला फाइड इंटेंशन' (बुरे इरादे) से SECI का टेंडर हासिल करने के लिए फर्जी गारंटी जमा की। विदेशी बैंकों से फर्जी गारंटी बनाई गई, SBI के नाम पर फर्जी एंडोर्समेंट किए गए। फंड्स को गलत तरीके से रूट किया गया, फर्जी डॉक्यूमेंट्स इस्तेमाल किए गए। ED ने कहा कि रिलायंस पावर ने माला फाइड इंटेंट से बिस्वाल ट्रेडलिंक की सर्विसेज हायर कीं ताकि फर्स्ट रेंड बैंक (फिलपींस) और ACE इन्वेस्टमेंट बैंक (मलेशिया) से फर्जी गारंटी बने। यह सब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अपराध है।

जानिए कौन-कौन शामिल हैं? मुख्य आरोपी

रिलायंस पावर लिमिटेडः मुख्य कंपनी, जो लिस्टेड है।

रिलायंस NU BESS लिमिटेड: टेंडर के लिए गारंटी जमा करने वाली सहायक कंपनी।

रोजा पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेडः फंड ट्रांसफर करने वाली दूसरी सहायक कंपनी।

अनिल अंबानीः रिलायंस ग्रुप के प्रमुख बिजनेसमैन। ग्रुप का कहना है कि वह पिछले 3.5 साल से रिलायंस पावर के बोर्ड पर नहीं हैं और इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं।

अशोक कुमार पालः रिलायंस पावर के पूर्व सीएफओ (चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर)

बिस्वाल ट्रेडर्लिक प्राइवेट लिमिटेडः फर्जी गारंटी जारी करने वाली शेल कंपनी।

पार्थ सारथी बिस्वालः बिस्वाल ट्रेडलिंक के एमडी

अमर नाथ दत्ताः ट्रेड फाइनेंसिंग कंसल्टेंट

अन्य आरोपीः रविंदर पाल सिंह चड्डा, मनोज भैया साहेब पोंगड़े, पुनीत नरेंद्र गर्ग।

        अधिकारियों ने क्या कार्रवाई की?

दिल्ली पुलिस EOW ने नवंबर 2024 में फर्जी गारंटी के लिए FIR दर्ज की। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की, 5.15 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की। अशोक पाल और अमर दत्ता को गिरफ्तार किया, जो अब ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। 


संवाददाता- कृपाल पटैल