सीधी में सरकारी टीचर के पास करोड़ों की संपत्ति,57 लाख की आय,आखिर आया कहां से इतना पैसा? EOW जांच में बड़ा खुलासा


मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक सरकारी शिक्षक के यहां आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने तड़के बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 करोड़ 36 लाख रुपये की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया है। हैरानी की बात यह है कि वर्ष 1998 से 2025 तक शिक्षक की कुल वैध आय के अनुसार उसकी संपत्ति सिर्फ 57.28 लाख रुपये होनी चाहिए थी, लेकिन जांच में करोड़ों की संपत्ति सामने आई।

यह सवाल अब जिले से लेकर पूरे प्रदेश में गूंज रहा है—

एक सरकारी शिक्षक के पास चार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति आखिर आई कहां से?

सुबह 5 बजे EOW की दबिश, तीन ठिकानों पर एकसाथ कार्रवाई

रीवा EOW की 6 सदस्यीय टीम ने शुक्रवार तड़के सुबह 5 बजे शिक्षक अभिमन्यु सिंह के तीन ठिकानों पर एक साथ छापा मारा।

कार्रवाई इन स्थानों पर हुई—

पटेल पुल स्थित आलीशान आवास

मड़वास में बने दो विशाल मकान

बैंक पासबुक, जमीनों के कागज़, निवेश रिकॉर्ड सहित कई दस्तावेज जब्त

टीचर अभिमन्यु सिंह वर्तमान में कुसमी विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल खोखरा में पदस्थ हैं। शिकायत थी कि उन्होंने अपने सरकारी कार्यकाल के दौरान आय से कई गुना अधिक संपत्ति जुटाई है।

आय वैध 57 लाख… संपत्ति निकली 4.36 करोड़!

EOW की प्रारंभिक जांच में सामने आया चौंकाने वाला अंतर:

वैध संपत्ति होनी चाहिए थी: 57.28 लाख रुपये

वास्तविक मिली संपत्ति: 4 करोड़ 36 लाख रुपये

यानी 7 गुना से अधिक की बेहिसाब संपत्ति

इतने बड़े अंतर के बाद शिक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जांच टीम अभी भी घरों की तलाशी में जुटी है और दस्तावेज़, बैंक विवरण, प्रॉपर्टी रिकॉर्ड व निवेश ब्यौरे खंगाले जा रहे हैं।

क्या केवल अध्यापन से बन सकती है 4.36 करोड़ की संपत्ति? सवालों के घेरे में सिस्टम

यह घटना सरकारी प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
एक शिक्षक जिसकी अधिकतम तनख्वाह 20–25 साल में मिलाकर भी इतनी संपत्ति बनाने की क्षमता नहीं दिखाती, उसके पास करोड़ों की संपत्ति मिलना बताता है कि:

या तो पद का दुरुपयोग लंबे समय से होता रहा

या प्रणाली में भ्रष्टाचार गहराई तक पैठ कर चुका है

या फिर “चुपचाप कमाते रहने” का नेटवर्क काफी मजबूत है

प्रदेश में लगातार मिल रहे भ्रष्टाचार के मामले—कहीं करोड़ों की सामग्री घोटाला, कहीं करोड़पति शिक्षक

दमोह में जनजाति विभाग में 40 लाख की घटिया सामग्री खरीदी का घोटाला,

सीधी में 4.36 करोड़ का शिक्षक प्रकरण,
और नेताओं व अधिकारियों की फिजूलखर्ची पर उमा भारती के बयान के बाद अब पूरा प्रदेश सवाल पूछ रहा है—

“आखिर सरकारी तंत्र में इतनी दौलत आती कहां से है?”

पूर्व CM उमा भारती भी कह चुकी हैं कि कई नेता और उद्योगपति शादियों में 200–300 करोड़ रुपये तक उड़ा देते हैं, और यह पैसा अक्सर दो नंबर का ही होता है।

EOW की जांच जारी, बड़े खुलासों की उम्मीद

EOW का कहना है कि अभी तलाशी कार्रवाई के शुरुआती चरण में ही करोड़ों की संपत्ति मिली है। कई लॉकर, जमीनों के रजिस्ट्रेशन और खातों के लिंक सामने आना बाकी है।जांच आगे बढ़ने पर संपत्ति का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

जिले में यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा टेस्ट केस बनकर उभर रहा है।

संवाददाता :- आशीष सोनी