पलेरा में बिना अनुमति के लग रहा अवैध मेला: शिक्षा और शांति खतरे में!
पलेरा नगर के हृदयस्थल पर, स्कूलों और कोचिंग सेंटरों के ठीक बगल में, एक विशाल मेला बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के धड़ल्ले से लगाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों और पालकों के अनुसार, इस अवैध गतिविधि ने न केवल शहर की शांति भंग की है, बल्कि छात्रों की शिक्षा को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है, साथ इस मेले में अभी तक किसी भी प्रकार से अनुमति प्राप्त नहीं हुई है।
शिक्षा पर सीधा असर,परीक्षा के समय शोर
मेले का स्थान शहर की घनी बस्ती और कई शैक्षणिक संस्थानों के एकदम नजदीक है। मेले से होने वाले तेज शोरगुल और ध्वनि प्रदूषण के कारण स्कूल और कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह समय छात्रों की वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी का है, और ऐसे में शोरगुल उनकी एकाग्रता को बाधित कर रहा है। प्रशासन की इस मामले में अनभिज्ञता या चुप्पी स्थानीय लोगों में रोष पैदा कर रही है। असामाजिक तत्वों का जमावड़ा और सुरक्षा चिंताएं स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मेला सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी एक बड़ा खतरा बन चुका है। मेले परिसर में आए दिन झगड़े और विवाद होते रहते हैं। यहाँ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे शाम होते ही क्षेत्र का माहौल बिगड़ जाता है। इस कारण विशेषकर महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। टैक्स चोरी का गंभीर आरोप इतना ही नहीं, इस अवैध मेले में संचालित होने वाली दुकानों पर टैक्स चोरी का गंभीर आरोप लग रहा है, बिना प्रशासनिक अनुमति के चल रहे इस कारोबार पर किसी भी तरह का नगर निगम/परिषद टैक्स या शुल्क जमा नहीं किया जा रहा है, जिससे सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है।
स्थानीय निवासियों की मांग
पलेरा के नागरिकों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगें हैं: मेला आयोजकों की जवाबदेही तय की जाए। बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए अवैध मेले को तुरंत बंद कराया जाए। सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
संवाददाता :- मुहम्मद ख्वाजा

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