बगदरा क्षेत्र बना धान तस्करी का सुरक्षित गलियारा, पुलिस और समिति प्रबंधकों की सांठगांठ का आरोप
सूत्रों के अनुसार यह पूरा अवैध नेटवर्क केवल सीमावर्ती परिवहन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कुछ समिति प्रबंधकों की कथित सांठगांठ भी सामने आ रही है। आरोप है कि समितियों में जानबूझकर आंख मूंदकर बाहरी राज्यों से लाए गए धान की खरीदी की जा रही है, जिससे समर्थन मूल्य व्यवस्था को सीधा नुकसान पहुंच रहा है। रात के समय धान की खेप पहले गांवों में उतारी जाती है और फिर तयशुदा रणनीति के तहत समितियों तक पहुंचाई जाती है। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब बगदरा पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को इस अवैध आवाजाही की पूरी जानकारी है, इसके बावजूद वह जानकर भी अनजान बनी हुई है। बिना पुलिस संरक्षण के इतने बड़े पैमाने पर धान का आवागमन संभव नहीं माना जा रहा, जिससे मिलीभगत के आरोप और गहरे हो गए हैं।
प्रशासनिक चुप्पी पर गंभीर सवाल
इधर बता दें कि प्रति वर्ष उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से धान की बड़ी खेप जिले के अलग-अलग समितियों में पहुंचती है। सबसे ज्यादा चितरंगी तहसील क्षेत्र और तहसील माड़ा में अवैध धान की खेप आ रही है। ऐसे में जिले के जो स्थानीय कास्तकार हैं, वह प्रभावित हो रहे है, क्योंकि इस कारोबार में समितियों के कर्ताधर्ता ही शामिल रहते हैं और कम दर पर धान खरीदकर समितियों में खपा दिया जाता है। यह कारोबार काफी लम्बे अर्से से जिले के चितरंगी व माड़ा में चल रहा है। अवैध धान को रोकने के लिए प्रशासनिक पहल की जाती थी और सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकपोस्ट बनाया जाता था। जहां अवैध धान पर निगरानी रखी जाती थी। लेकिन अभी तक प्रशासनिक पहल नही की गई है, जिसका जीता जागता उदाहरण है कि चितरंगी में आधी रात को राजस्व टीम ने धान पकड़ा है।
अभी तक नही बना चेक पोस्ट, खड़े हो रहे सवाल
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व से ही यूपी से लाया गया धान कुछ घरों में छुपाकर रखा गया है, ताकि जांच की स्थिति में उसे तुरंत समितियों में न दिखाया जा सके। यह सब तब हो रहा है जब पिछले वर्ष इसी क्षेत्र में चितरंगी एसडीएम द्वारा चेक पोस्ट बनवाया गया था, जिससे अवैध परिवहन पर प्रभावी रोक लगी थी। इस वर्ष न तो चेक पोस्ट बना और न ही इसे लेकर कोई गंभीर पहल नजर आई। चर्चा है कि यह मामला एसडीएम के संज्ञान में जानबूझकर नहीं लाया गया। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने समय रहते चेक पोस्ट क्यों नहीं बनवाया, क्या यह लापरवाही है या फिर किसी दबाव में जानबूझकर रास्ता खुला छोड़ा गया है। यदि प्रशासन ने शीघ्र हस्तक्षेप नहीं किया तो बगदरा क्षेत्र अवैध धान कारोबार का स्थायी केंद्र बन सकता है, जिसका खामियाजा ईमानदार किसानों और शासन दोनों को भुगतना पड़ेगा।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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