बागेश्वर धाम की तरह ही जैसीनगर के बिजोरा गांव में 15 साल से लग रहा दरबार
इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा देश-विदेश में है,बागेश्वर धाम के महाराज जी की तरह ही दरबार सागर जिले से 40 किलोमीटर दूर जैसीनगर के बिजोरा गांव में भी पंडित केशुरमन उर्फ़ रामू भारद्वाज के द्वारा बीते 15 सालों से लगाया जा रहा है,पंडित रामू महाराज दरबार मे लोगों के चेहरा देख कर भूत वर्तमान भविष्य सब बता देते है साथ ही उनका निवारण भी...
बता दें कि पंडित रामू महाराज सोशल मीडिया और मीडिया से काफी दूर है और उनकी विशेष अनुमति के बाद ही हमने उनके दरबार का कवरेज किया जहां हमने देखा कि बागेश्वर धाम की तरह ही पंडित रामू महाराज लोगों के चेहरे देखकर पहले से ही पर्चा पर संबंधित व्यक्ति की सभी समस्याएं लिख देते हैं साथ में निवारण भी, साथ ही वहां पहुंचे लोगों ने हमें बताया कि अगर आपका कुछ गाय भैंस या सोने चांदी के जेवरात या कोई गुम गया है तो उसका भी वह क्लियर पता बता देते हैं जब लोग उस जगह पर जाते हैं तो वह मिल जाती है दरबार में भी दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं लेकिन बागेश्वर धाम की तरह यहां किसी प्रकार की टोकन की व्यवस्था नहीं है लोग साधारण रूप से उनसे मिल सकते हैं ना ही किसी प्रकार की दक्षिणा ली जाती है.
जब हमने पंडित रामू महाराज से इस तरह की कोई सिद्धि होती है कि लोगों का भूत भविष्य सब कुछ बताया जा सकता है तो ऊन्होंने बताया कि हमारे सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है हमारे जो वेद शास्त्र हैं जिसमें पूरे संसार की, हर एक व्यक्ति की जानकारी निकलती है, उन्होंने बताया कि हमारे दादा जी स्वर्गीय पंडित दुर्गा प्रसाद भारद्वाज भी इसी तरह से लोगों का भूत, वर्तमान भविष्य बता देते थे उनकी कृपा और हनुमान जी महाराज की कृपा से लोगों की समस्या और उनका निवारण बताते हैं साथ ही जब बागेश्वर धाम के दरबार के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक प्रकार से सेवा कर रहे हैं सनातन धर्म के लिए काफी कुछ अच्छा कर रहे हैं और हनुमान जी महाराज की उन पर कृपा है!
बता दें कि बिजोरा में भी मंदिर है जहां भगवान श्री राम लक्ष्मण सीता और हनुमान विराजमान है, मंदिर में उनके दादा पंडित दुर्गा प्रसाद भारद्वाज पूजा करते थे और अब वह भी पूजा करते हैं और यहीं से उनको कृपा प्राप्त हुई, वैसे तो हफ्ते के सातों दिन का दरबार लगता है लेकिन मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
संवाददाता : बृजेन्द्र रैकवार
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