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शिप्रा नदी में नालों का पानी धड़ल्ले से मिल रहा, 6000 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी हालत खराब

 शिप्रा नदी में नालों का पानी धड़ल्ले से मिल रहा, 6000 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी हालत खराब

भारतीय जनता पार्टी की त्रिपल इंजन सरकार में उज्जैन में 6000 करोड़ रुपए से मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा नदी शुद्धिकरण के नाम पर खर्च करने के बाद भी आए दिन उज्जैन इन्दौर के नालों का गंदा पानी क्षिप्रा नदी में मिलता रहता है मुख्य राम घाट पर मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा नदी में गंदे नालों का पानी मिला रहा है जिससे क्षिप्रा नदी की पवित्रता का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है इसके जिम्मेदार सुध नहीं ले रहे हैं। उज्जैन की उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी का शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है. शिप्रा नदी के तट पर 12 वर्ष में एक बार सिंहस्थ का आयोजन होता है. इसी शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर उज्जैन और देवास जिले में पिछले कई सालों से राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही है, उज्जैन की शिप्रा नदी को लेकर पिछले तीन दशक से बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीति की रस्साकशी चल रही है. लेकिन आज भी शिप्रा नदी में नालों का पानी धड़ल्ले से मिल रहा है, जिसे देखकर श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही है...

संवाददाता : संतोष लोधी 

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