9 बार के विधायक, दूसरी बार बने मुख्यमंत्री, हर सियासी दांव पेंच से वाकिफ
सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत ने उनको पद और गोपनियता की शपथ दिलाई.यह दूसरी बार है जब उनपर कांग्रेस ने भरोसा जताते हुए उन्हें दूसरी बार राज्य की कमान संभालने का मौका दिया है. 12 अगस्त 1948 को जन्मे सिद्धारमैया ने मैसूर विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री ली और बाद में वहीं से कानून की पढ़ाई की थी.
राजनीति में आने से पहले सिद्धारमैया वकालत करते थे. उन्होंने पहली बार भारतीय लोकदल के टिकट पर चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर कर्नाटक विधानसभा में एंट्री की थी. वह यहां से पांच बार जीते और तीन बार उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा.
कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व में शनिवार (20 मई) को कांग्रेस की सरकार का गठन हो गया. सिद्धारमैया ने सीएम पद की शपथ ली तो डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बने. इसके साथ ही कैबिनेट का भी शपथ ग्रहण हुआ. कांग्रेस के 8 नेताओं ने मंत्री के रूप में शपथ ली. इनका एक नाम जी परमेश्वर का है.
जी परमेश्वर ने गुरुवार (18 मई) को एक बयान देकर पार्टी हाईकमान को टेंशन दे दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर राज्य में किसी दलित को डिप्टी सीएम की पोस्ट न दी गई तो इसका गलत असर होगा और पार्टी के लिए मुश्किल हो जाएगी.
डिप्टी सीएम बनने के लिए दे दी वॉर्निंग
उनका ये चेतावनी भरा बयान कांग्रेस हाईकमान के सिद्धारमैया को सीएम और डीके शिवकुमार को इकलौता डिप्टी सीएम बनाए जाने की घोषणा के बाद आया था. हालांकि, बाद में उन्होंने पार्टी के फैसले को सुप्रीम बताते हुए इसे स्वीकार करने की बात कही. यही नहीं, परमेश्वर ने हाल ही में सीएम पद को लेकर भी दावेदारी की थी.
अनुसूचित जाति का प्रमुख चेहरा
जी परमेश्वर को कर्नाटक में कांग्रेस का प्रमुख अनुसूचित जाति का चेहरा माना जाता रहा है. 71 वर्षीय परमेश्वर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार के दौरान उपमुख्यमंत्री थे. वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सबसे लंबे समय (8 साल) तक अध्यक्ष रहे. उन्होंने 2010-2018 तक राज्य में कांग्रेस की कमान संभाली थी.
2013 का कर्नाटक चुनाव कांग्रेस ने उनकी अध्यक्षता में ही लड़ा था. ये वो दौर था जब राज्य में दलित मुख्यमंत्री की मांग तेज थी और जी परमेश्वर का नाम दावेदारों में था, लेकिन वह विधानसभा चुनाव हार गए. इसके बाद सिद्धारमैया के सीएम बनने का रास्ता साफ हो गया था. वे सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार में एमएलसी बनाकर मंत्री बनाए गए.
5 बार के विधायक
कोटारगेर विधानसभा सीट के चुनाव जीतने वाले जी परमेश्वर का विधायक के रूप में यह पांचवां कार्यकाल है. यहां से वह पहली बार 2008 में चुने गए थे. तीन बार वह कोटारगेट सीट से जीते हैं, जबकि दो बार मधुगिरी सीट से चुने गए थे.
पीएचडी की डिग्री
जी परमेश्वर पढ़े लिखे नेताओं में शामिल हैं. उन्होंने एडिलेड विश्वविद्यालय के वाइट कृषि अनुसंधान केंद्र से उन्होंने प्लांट फिजियोलॉजी में पीएचडी की है. सरकार में अनुभव का उनका लंबा अनुभव है. वह गृह, चिकित्सा शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई विभागों को संभाल चुके हैं.
0 Comments