"सबसे प्यारा पड़ोसी : चन्दा मामा"
हम तो पहुँच गए तेरे आंगन,
लेकर संग में भारत का मन,
आजा पाले झप्पी ज़ोर से,
राखी बाँधनी है प्रेम-डोर से।
सबसे प्यारा तू पड़ोसी,
मामा कहते वसुधा-वासी,
मामी भी है - तेरी चाँदनी,
तेरा संगिनी व अर्धांगिनी।
हम भले ही रिश्तेदार पुराने,
पर आज आए हैं तेरे ठिकाने,
कमीं न रहे खातिर में कोई,
तोहफ़े ले जाएँगे तुझसे कई।
कभी चाँदनी का करके घुंघटा,
हमारे घर भी आ जाना चँदा,
गले मिलकर बैठेंगे साथ हम,
नई मिशन कायम करेंगे हम।
लेखिका -
डॉक्टर सलोनी चावला
हरियाणा
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