स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार जिला स्तरीय अंतर्विभागीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय अंतर्विभागीय उन्मुखीकरण कार्यशाला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आईपीपी-6 के सभाकक्ष में आयोजित की गई।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.अरविन्द कुमार भट्ट ने बताया कि कृमि मनुष्य की आंत में रहते है और पोषण तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं, जिसके कारण एनीमिया कुपोषण, मानसिक विकास में अवरोध, बच्चों का थके-थके रहना, बीमार रहना और बच्चों का पढाई में मन न लगना इत्यादि प्रभाव होते हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.भट्ट ने बताया कि भोजन करने से पहले हाथ न धोना, दूषित भोजन करना, खुले में बनने वाला भोजन या दूूषित भोजन, नंगे पाव चलने, साफ पानी न पीना, खुले में शौच जाने से बच्चों में कृमि संक्रमण होता है। उन्होंने बताया कि स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी सत्र आयोजित कर कृमि से बचाव हेतु जानकारी दी जाएगी।
डीपीएम डॉ विनोद शाक्य ने बताया कि शासकीय/अशासकीय अनुदान प्राप्त शालाएं, आदिवासी आश्रम शालाओं, प्रायवेट/प्रायवेट अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्रशासित शालाओं, स्थानीय निकाय की शालाओं इत्यादि संस्थानों में एक से 19 वर्ष के बच्चों का कृमिनाशन किया जाएगा।
संभागीय समन्वयक एएमबी प्रोग्राम दिनेश पांडेय ने बताया 12 सितम्बर को कुल एक से 19 वर्ष तक के 556474 बच्चों को कृमिनाशक गोली खिलाई जाएगी एवं छूटे हुये बच्चों को मापअप दिवस में 15 सितम्बर को कृमिनाशक गोली खिलाई जाएगी। कृमिनाशक गोली आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा एवं स्कूलों में शिक्षक द्वारा खिलाई जाएगी। कृमि संक्रमण रोकने से कृमि मुक्ति के साथ स्कूलों में अनुपस्थिति 25 प्रतिशत कम हो जाती है। कृमिनाशक गोली खाली पेट न खिलाई जाए, उम्र अनुसार गोली एक से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली चम्मच में चूरा करके पानी में मिलाकर, दो से 3 वर्ष के बच्चों को एक गोली चम्मच में चूरा करके पानी में मिलाकर एवं 3 से 19 वर्ष वाले को पूरी गोली चबाकर खिलाई जाना है।
संवाददाता: डॉली सोनी
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