चंद्रयान 3
हम चले आज फिर चांद पर दिखलाने विश्व को चांदनी।
हम चले आज फिर आन को समझाने विश्व को अपनी।
हम चले आज फिर धरती से सच करने अपनी कथनी।
हम चले आज फिर विश्व को बतलाने ताकत अपनी।
एक बार असफलता का मोल नही , बस आज सफलता दिखलाने ।
उड़ चले चांद पर भारत का प्यारा तिरंगा फहराने।
ये भारत है , भारत का ये विज्ञान है,
हम भारतीय वैज्ञानिक हैं , भारतीयता ही हमारी पहचान हैं।
उड़ चले विश्व को मनवाने विद्वान्ता आज अपनी।
लेखक
डॉ गौरव अवस्थी
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