बालिका छात्रावास गोडवहरा के 15 से 20 बच्चियों की तबियत अचानक हुई खराब
सिंगरौली जिले के सरई तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत गोडबहरा के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बालिका छात्रावास के 15 से 20 छात्राओं का तबियत अचानक से खराब होने का मामला सामने आया है।
दरअसल मामला यह है कि इस छात्रावास में छात्राओं को बहुत ही घटिया तरीके का भोजन मिलता है। यहां तक कि छात्राओं के द्वारा बताया गया कि चावल व दाल में कीड़े भी रहते है। जो बीमारी की वजह बनती है।एक तरफ सरकार जहां बच्चो की पढ़ाई व भोजन के लिए लाखो करोड़ों रुपए खर्च करके अनेक योजनाएं बनाती है। वही दूसरी तरफ कुछ भ्रष्ट कर्मचारियो के वजह से बच्चे सभी प्रकार के सुविधाओं से वंचित रह जाते है।
छात्रावास के छात्राओं का कहना है की
हमे भोजन में चावल दाल के साथ कीड़े भी परोसे जाते है,हमे कपड़े भी नहीं मिलते,हम लोगो से कमरे कि सफाई के साथ अपने पोशाक व बिस्तर तक हमी से धुलवाया जाता है। झाड़ू पोंछा भी करवाया जाता है तथा कभी कभी हम लोग रात में अकेले भी रहते है। एक रात हमारे बाथरूम में सर्प घुस आया था हैं हम लोग अकेले होने के कारण डर गए थे उस समय एक चौकीदार के अलावा वहां पर कोई उपस्थित नहीं था
सरई डॉक्टरों की टीम का कहना है कि
हम लोगो ने 60से 65 सभी छात्राओं की जांच कि
तो जांच के उपरांत हमे कोई भीमारी नही मिली लगता है किसी प्रकार की मानसिक बीमारी हो सकती है।जो संतोष जनक जवाब नही है।
छात्रावास अधीक्षिका दीप्ति सिंह का कहना है कि
यह मामला पहले भी कई बार हो चुका है। तंत्र मंत्र का काम है। झाड़ फूंक करने से ठीक हो जाता है।हम यहां नहीं रहते है क्यू कि हमारे लिए यहां रहने की व्यवस्था नहीं है। जब ये यहां रहती नही है तो छात्राओं की व्यवस्था के विषय में क्या जानेंगी,कि छात्राएं यहां थाली भी धुलते है जो की सरासर गलत है। व छात्राओं को रात में अकेले रहना पड़ता है ।अगर रात में छात्राओं को किसी प्रकार की समस्या होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।जो की छात्रावास की समस्त जिम्मेदारी अधीक्षिका की होती है।
आखिरकार जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल खड़ा होता है कि गो ड़ बहरा छात्रावास में किस तरह से भ्रष्टाचार चल रहा है जहां की अधीक्षका खुद ही बता रही है कि वे छात्रावास में नहीं रहती है फिर विद्यालय में बच्चियों का देखरेख कौन और कैसे होता होगा ।
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