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दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर हुआ वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन

 दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर हुआ वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर नेहरू युवा केंद्र जिला दमोह (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार) के निर्देश पर जिला युवा अधिकारी सुधीर सिंह एवं लेखपाल तेजखान के मार्गदर्शन में वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सभागार दमोह में जन अभियान परिषद से संबध्द नवांकुर संस्था छात्र क्रांति दल एवं छात्र सर्व कल्याण समिति के विशेष सहयोग से राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक एवं यूथ अचीवर्स कृष्णा पटैल एवं शुभम पटैल के नेतृत्व में किया गया| कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं माल्यार्पण कर किया गया तदोपरांत अतिथियों को तुलसी का पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया गया|

 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार नरेंद्र दुबे रहे,अध्यक्षता जन अभियान परिषद, दमोह जिला समन्वयक सुशील कुमार नामदेव ने की एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में विधालय प्राचार्य एस एल अहिरवाल‌ एवं वरिष्ठ शिक्षक आर पी पटैल उपस्थित रहे|

मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार नरेंद्र दुबे ने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता थे ।वे निष्काम कर्मयोगी, मौलिक चिंतक, प्रखर पत्रकार, लेखक एवं राजनेता थे । उनका जीवन संघर्ष और विचार एवं दर्शन हमारे लिये प्रेरणा देता है ।वे सादगी, सरलता, सच्चाई एवं विद्वता की प्रतिमूर्ति थे उनकी जयंती पर इस प्रकार के संगोष्ठी कार्यक्रम सराहनीय है|

कार्यक्रम अध्यक्ष एवं जन अभियान परिषद जिला समन्वयक सुशील कुमार नामदेव ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जी राजनीति में राष्ट्रजीवन दर्शन के निर्माता माने जाते हैं। उनका उद्देश्य स्वतंत्रता की पुनर्रचना के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय तत्व-दृष्टि प्रदान करना था। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए एकात्म मानववाद की विचारधारा दी।  उनका विचार था कि आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है भारत में रहने वाला और इसके प्रति ममत्व की भावना रखने वाला मानव समूह एक जन हैं। उनकी जीवन प्रणाली, कला, साहित्य, दर्शन सब भारतीय संस्कृति है। इसलिए भारतीय राष्ट्रवाद का आधार यह संस्कृति है। इस संस्कृति में निष्ठा रहे तभी भारत एकात्म रहेगा और विकसित राष्ट्र बनेगा।

कार्यक्रम का कुशल संचालन कार्यक्रम संयोजक कृष्णा पटैल ने किया और आभार विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षक आर पी पटैल ने व्यक्त किया|

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार नरेंद्र दुबे,जन अभियान परिषद जिला समन्वयक सुशील कुमार नामदेव, विधालय प्राचार्य एस एल अहिरवाल‌ ,वरिष्ठ शिक्षक आर पी पटैल, कार्यक्रम संयोजक कृष्णा पटेल, शुभम पटेल, नितिन सिंह राजपूत, उदित कुर्मी सहितअनेक सहयोगियों एवं विद्यालय परिवार की उपस्थिति रही|

संवाददाता : कृष्णा विश्वकर्मा

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