गर्व से कहती हूँ मैं एक नारी हूँ |


 मै नारी हूँ 

हाँ मै नारी हूँ 

गर्व से कहती हूँ मेै एक नारी हूँ |

मुझसे बनता संसार 

हाँ कहना गलत नहीं 

मुझसे बनता घर और द्वार 

मेरे बिन सुनी डगर ये सारी है |

हाँ मै नारी हूँ |

गर्व से कहती हूँ मैं एक नारी हूँ |

मेरे हाथ मे घर की कुंजी ताले 

फिर भी अबला कहलाती हूँ |

पता है क्यु क्यूंकि हाँ 

मै नारी हूँ |

गर्व से कहती हूँ मै एक नारी हूँ |

क्या तुम मे भी है ये हिम्मत होते हुय 

सब कुछ तुम्हारे हाथ मे 

रह पाओगे अपने लिए आलस कर एक रोटी के भूखे

पर मुझमे यह शक्ति समाहित है 

खिला कर हजार लोगो को 

खुद की बारी आने पर,

भूख नहीं कह सकती हूँ 

पता है ऐसा क्यूँ 

क्यूंकि मै एक नारी हूँ 

गर्व से कहती हूँ मैं एक नारी हूँ |

मुझको पूजा जाता 

सीता और दुर्गा मान मंदिरो मे 

पता है क्यू क्यूंकि मैं एक नारी हूँ | 

हा गर्व से कहती हूँ 

मै एक नारी हूँ


लेखिका 

प्रिया सिंह बनाफ़र 

जिला-भोपाल (म.प्र. )