गौरा के नंदन गणपति
सर्वप्रथम श्री गणपति, पूजा लो स्वीकार।
रिद्धि सिद्धि लेकर पधारो, हर लो कष्ट विकार।
घर-घर लेकर आये खुशियां, गणपति श्री गणराज।
गांव-शहर हर घर में गूंजे, गजानन के जयकारों की आवाज।
विघ्न विनायक गणपति, भक्तों की करूण पुकार।
सबसे पहले मनायें आपको, कृपा बरसाओ महाराज।
तीन लोक नौ खण्ड में, सबसे पहले पूजें गणराज।
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता, सिद्धि विनायक महाराज।
निश्छल, निष्कपट, निःस्वार्थ भाव से, तन मन में अर्पण करूं।
हर कार्य सफल करते विनायक, जो भी हो तुमसे शुरू।
लेखक
राजधर अठया
दमोह, मध्यप्रदेश
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