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भाजपा कार्यालय के सामने कार्यकर्ताओं का हंगामा कोतवाली में मामला दर्ज।

 


भाजपा कार्यालय के सामने कार्यकर्ताओं का हंगामा कोतवाली में मामला दर्ज।





चुनाव से पूर्व पार्टी कार्यालय में बैठक के दौरान भाजपा जिलाअध्यक्ष से पूर्व जिला उपाध्यक्ष प्रवीण तिवारी के बीच तीखी बहस हुई थी। बात इतनी बढ़ी थी की जूतमपैजार की नौबत आ गई थी, और वहां मौजूद लोगों ने दोनों को शांत कराया था। इसे पार्टी ने अनुशासनहीनता मानते हुए पार्टी द्वारा उनसे सात दिवस के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। भाजपा नेता प्रवीण तिवारी द्वारा लिखित स्पष्टीकरण देते हुए वर्तमान जिलाअध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। जिस जवाब को पार्टी ने सिरे से नकरते हुए प्रवीण तिवारी को 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब इसका विरोध खुलकर सामने आने लगा है। भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित नेता प्रवीण तिवारी के समर्थन में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के सिंगरौली कार्यालय में पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रवीण तिवारी जिंदाबाद, रामसुमिरन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए जिला अध्यक्ष के स्टीफा की मांग की। साथ ही सभी समर्थक भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए आतुर दिखे। हालांकि वहां इनका इस्तीफा तो लिया नहीं गया अपितु प्रदशर्न की सूचना कोतवाली में दे दी गई। इधर सूचना पाकर बैढन कोतवाली थाने के पदस्थ उपनिरीक्षक उदय करिहार के नेतृत्व में पुलिस ने भाजपा कार्यालय के सामने से कई प्रवीण समर्थकों को हिरासत में लिया। पुलिस के अनुसार चुनावी अधिसूचना लगी होने के कारण किसी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक लगी हुई है। इस कारण प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। इनमें से कई कार्यकर्ताओं को विन्ध्यनगर थाने में भी रखा गया। जानकारी अनुसार इस हाई वोल्टेज ड्रामें के बीच प्रवीण तिवारी समर्थकों की रिहाई के लिए थाने जा पहुंचे। हालांकि कुछ घंटे बाद समर्थकों को रहा करते हुए नेता प्रवीण तिवारी पर 151 का मुकदमा पंजीबद्ध कर लिया गया। इस पूरे मुद्दे को लेकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने छूपी साध रखी है।


समर्थक कल प्रदेश अध्यक्ष को भेजेंगे इस्तीफा

इस घटनाक्रम के बाद प्रवीण तिवारी ने बताया कि वहां किसी के द्वारा कार्यकर्ताओं का इस्तीफा नहीं लिया गया। अब कल पुनः सभी कार्यकर्ता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पोस्ट द्वारा अपना इस्तीफा सौपेंगे।


व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई

प्रवीण तिवारी ने बताया कि उनके स्पष्टीकरण देने के बाद भी गलत तरीके से 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। वह हमेशा पार्टी के लिए तत्पर रहे हैं और उनकी लड़ाई व्यवस्था से है। क्षेत्र में अच्छी पकड़ के कारण उन्हें कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचकर उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है।


स्पष्टीकरण में प्रवीण तिवारी ने जिला अध्यक्ष लगाए थे गंभीर आरोप

प्रवीण तिवारी ने पार्टी को दिए स्पष्टीकरण में वर्तमान जिला अध्यक्ष राम सुमिरन गुप्ता पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों से नजदीकियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी की कार्य समिति बैठक में हुई अंदरूनी बात को जिला अध्यक्ष के द्वारा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कराया गया। यदि हमसे अनुशासनहीनता हुई है तो अध्यक्ष जी के ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछले तीन विधानसभा और दो लोकसभा चुनाव में अध्यक्ष जी ने पार्टी के लिए कोई योगदान नही दिया। निगम चुनाव में हारने के बाद जिला अध्यक्ष के द्वारा चुनाव के दौरान एक पार्षद को क्रॉस वोटिंग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया कि बीते समय उन्होंने कोयला चोरी और मिलावट खोरी के खिलाफ शीर्ष नेताओं को पत्र लिखा था। इसे लेकर द्वेष पूर्ण भावना से उन्हें प्रताड़ित करते हुए पार्टी से निष्कासित किया है।



राम सुमिरन गुप्ता का कहना है

प्रवीण तिवारी को अनुशासनहीनता करने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया। उनके ऊपर पूर्व में भी झारखंड में मामले पंजीबद है और फर्जी तरीके से लोगों को लाकर आचार संहिता के दौरान वह प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से कोई भी पार्टी का पदाधिकारी नहीं है यदि पाया जाएगा तो उनके ऊपर भी अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपनी गलती छुपाने के लिए स्पष्टीकरण मांगने के बाद गलत तरीके से आरोप लगाए हैं। यदि वह सही होते पूर्व में ही आरोप लगाते। हर चीज का एक उचित मंच होता है, यदि उन्हें लगता है कि उनका निष्काशन गलत भाव से किया गया है तो वह प्रदेश अध्यक्ष या शीर्ष नेतृत्व से इस मुद्दे पर जाकर चर्चा कर सकते थे।

संवाददाता: आशीष सोनी

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