लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के किस भाजपा नेता की साख है दांव पर
मध्य प्रदेश में भाजपा जहाँ लोकसभा की 29 सीटों में से 29 सीट लाने का दावा कर रही है वहीँ कांग्रेस भी कुछ सीटों पर टक्कर देती नजर आयी है| यह देखना दिलचस्प होगा की जनता का रुझान किस तरफ जायेगा, यह 4 जून को तय होगा| हालांकि लोकसभा चुनावों में देश भर से 400 पार का नारा लेकर चल रही भाजपा के लिए मध्य प्रदेश शुरुवाती दौर में आसान दिखाई दे रहा था | विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में उठी अंदरूनी क्लेश की खबरें फिर विधान सभा चुनाव में पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की हार, शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री ना बनाये जाने से और मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय समीकरणों में भारी बदलावों से भाजपा कार्यकर्ताओं में थोड़ी ही सही लेकिन असमंजस की स्थिति बनी थी| यदि इसका असर चुनावी नतीजों पर पड़ा तो भाजपा की अंदरूजी टसल बाहर आने में समय नहीं लगेगा | कई सीटों पर कड़ा मुकाबला है| वहीं राजगढ़ समेत कई ऐसी सीटें हैं, जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है| राजगढ़, छिंदवाड़ा, रतलाम, मंडला सीट पर कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है. वहीं, मुरैना-श्योपुर, ग्वालियर लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला है | छिंदवाड़ा के नतीजे चौंकाने वाले भी हो सकते हैं क्योंकि इस बार छिंदवाड़ा में मतदन प्रतिशत 79.83 फीसदी रहा जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा था | राज्य में नौ सीटें इस बार ऐसी हैं, जहां से नए सांसदों का जीतना तय है. भोपाल, होशंगाबाद, सीधी, जबलपुर, बालाघाट, ग्वालियर, सागर दमोह और मुरैना लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी ने नए कैंडिडेट्स को टिकट दिए हैं| इन सीटों में भी पार्टिओं के बीच वोट शिफ्टिंग देखि जा सकती है| प्रदेश में कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है, विधानसभा में करारी हार के बाद यदि कांग्रेस अपनी 1 सीट भी बचा लेती है तो भी यह कांग्रेस की जीत ही होगी | भले ही भाजपा ने यह चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा हो लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा को 1 सीट का नुकसान भी गंवारा नहीं होगा | और यदि ऐसा हुआ तो उस नुकसान का ठीकरा किसी न किसी के सर जरूर फोड़ा जायेगा|संवाददाता : दीपक मालवीय
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