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मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध से कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल क्या बी एन एस की धारा प्रभावशील नहीं

 मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध से कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल क्या बी एन एस की धारा प्रभावशील नहीं

 बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म मामले में प्रदेश के आंकड़े कुछ भी कहते हो लेकिन सरकार इसे कम करने के लिए कई प्रयास कर रही है , मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य बना जिसने नाबालिक के साथ दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा का प्रावधान रखा। कोलकाता दुष्कर्म और हत्या के मामले ने जहां पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, वहीं महू में प्रशिक्षु सैन्य अधिकारियों के साथ लूट और उनकी महिला मित्र से सामूहिक दुष्कर्म का मामला भी पूरे देश की सुर्खियां बन रहा है। ये मामले अभी ठंडे भी नहीं पड़े थे कि डिंडोरी जिले में बालिका से छेड़छाड़ के बाद बेचने का मामला सामने आया है, रीवा में घूमने गए नव दंपति के साथ पति को पेड़ से बांध कर महिला के साथ दुष्कर्म किया, जबलपुर में महिला शिक्षिका के साथ चाकू की नोंक पर दुष्कर्म किया गया जिससे आहत हो कर शिक्षिका ने जहर खा कर मौत को गले लगा लिया, दमोह जिले की पथरिया में बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ तो सीधी में कॉलेज के छात्राओं के साथ रेप हुआ। प्रदेश सरकार भले ही महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का दावे करती है लेकिन ताजा घटनाओं को देखें तो महिलाओं के साथ अपराध ने एक नया ग्राफ खड़ा कर दिया है। बीते कुछ दिनों में महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा के संबंध में प्रदेश की पुलिस कठघरे में खड़ी नजर आ रही है यह तो वो मामले है जिनके खुलासे हो सके है ऐसे अनेकों मामले है जिनको स्थानीय स्तर पर ही दबा दिया जाता है इसका एक कारण प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव भी है जो मुख्य मंत्री होने के साथ साथ गृह मंत्रालय की बागडोर भी संभाले हुए हैं जिनके कार्यकाल में आय दिन प्रदेश की लाडली बहना असुरक्षा के माहौल में जीवन यापन करने पर मजबूर है..

संवाददाता : आशीष सोनी


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