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पटवारी जयलाल प्रजापति का शराब पार्टी वीडियो वायरल, रिश्वतखोरी के काले सच से उठा पर्दा

 पटवारी जयलाल प्रजापति का शराब पार्टी वीडियो वायरल, रिश्वतखोरी के काले सच से उठा पर्दा


राजस्व विभाग का भ्रष्टाचार: 5 हजार में  जमीन कहीं से कहीं नाप कर देंगे, 10 हजार में पटवारी का 'स्पेशल' काम!

रीवा जिले की मनगवां तहसील अंतर्गत टिकुरी 32 में पदस्थ पटवारी जयलाल प्रजापति का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है। वीडियो में पटवारी साहब होटल में शराब की पार्टी करते नजर आ रहे हैं, मानो रिश्वत की कमाई का जश्न मना रहे हों। सरकारी कुर्सी पर बैठकर जनता से मोटी रकम वसूलने वाले इस भ्रष्ट अधिकारी ने नशे में चूर होकर अपनी करतूतों का खुद ही पर्दाफाश कर दिया।

रिश्वत का खेल: "10 हजार दो, बड़ा काम भी झटपट हो जाएगा!"

वीडियो में जयलाल प्रजापति यह स्वीकार करते दिख रहे हैं कि वे छोटे से छोटे काम के लिए भी 10 हजार रुपये वसूलते हैं। 5000 की रिश्वत दीजिए और  जमीन आपकी तरफ नप जाएगी, यानी जो अधिक देगा, वही जीत जाएगा! यह वही राजस्व विभाग है जहां आम जनता एक नामांतरण या सीमांकन के लिए महीनों चक्कर लगाती है, जबकि मोटी रकम देने वालों का काम चुटकियों में निपटा दिया जाता है।

भ्रष्टाचार की जड़ें: तनख्वाह 20 हजार, संपत्ति 20 करोड़!

अगर पटवारी साहब की संपत्ति की जांच की जाए, तो यह साफ हो जाएगा कि जो कर्मचारी 20-30 हजार की तनख्वाह पाता है, वह 20 करोड़ का मालिक कैसे बन जाता है? सूत्रों की मानें तो राजस्व विभाग में छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े अधिकारियों तक भ्रष्टाचार की गहरी पैठ है। जनता को न्याय मिलने के बजाय उन्हें अपने ही हक के लिए रिश्वत देनी पड़ती है, और फिर भी अधिकारी मनमर्जी से फैसले सुनाते हैं।

प्रशासन की अग्निपरीक्षा: कार्रवाई होगी या फिर रफा-दफा?

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी धुएं में उड़ जाएगा, जैसे पटवारी साहब अपनी सिगरेट का धुआं उड़ाते नजर आ रहे थे? एसडीएम मंनगवा पर अब जनता की नजरें टिकी हैं कि वे इस शराब खोर रिश्वतखोर पटवारी के खिलाफ क्या कदम उठाएंगे।

यह मामला न सिर्फ एक भ्रष्ट अधिकारी का पर्दाफाश करता है, बल्कि पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर ऐसे अधिकारियों पर समय रहते शिकंजा नहीं कसा गया, तो यह दीमक की तरह पूरे सिस्टम को खोखला कर देंगे। जनता को अब जवाब चाहिए – क्या जयलाल प्रजापति पर कार्रवाई होगी या फिर प्रशासन इस मामले को रफा-दफा कर देगा?

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