जिले में 30 मार्च से प्रारंभ होकर 30 जून तक चलेगा जल गंगा संवर्धन अभियान
टीकमगढ़ :कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय की अध्यक्षता में आज कलेक्टर कक्ष में जल गंगा संवर्धन अभियान के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर श्रोत्रिय ने 30 मार्च से 30 जून तक आयोजित जल गंगा संवर्धन अभियान के सफल संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ नवीत कुमार धुर्वे, जीएमडीआईसी राजशेखर पांडे, पीओडूडा शिवि उपाध्याय, ईई डब्ल्यूआरडी डीएस कुशवाह, सहायक संचालक उद्यानिकी अजय रोहित, डीईओ आईएल आठ्या सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक में कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जाये। उन्होंने कहा कि यह अभियान जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने निर्देशित किया कि वे जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता देकर अधिक से अधिक लोगों को अभियान से जोड़ें।कलेक्टर श्रोत्रिय ने अभियान में विभिन्न गतिविधियां जैसे पौधरोपण, जल स्रोतों का पुनर्जीवन, ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण हेतु जागरूकता कार्यक्रम चलाने, स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने, ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब, नदियों पर छोटे बांध निर्माण एवं नदियों के संरक्षण के लिए जलधारा के आसपास फलदार पौधों के रोपण और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के प्रमुख चौराहों पर प्याऊ की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने सभी नागरिकों से भी अपील की कि वे जल संरक्षण की दिशा में सक्रिय योगदान दें और अभियान के दौरान इसे जन आंदोलन बनाएं।
बैठक में कलेक्टर श्रोत्रिय ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान जल संकट को खत्म करने और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। इस दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के जल संवर्धन अभियान में जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी एवं कृषि सहित 12 से अधिक अन्य विभाग एवं प्राधिकरण साथ मिलकर जल संरचनाओं के जीर्णाेद्धार के कार्य करेंगे। अभियान की थीम जन सहभागिता से जल स्त्रोतों का संवर्धन एवं संरक्षण रखी गई है।जल गंगा संवर्धन अभियान में होंगे कई महत्वपूर्ण कार्य पंचायत स्तर पर तालाबों के निर्माण, वन्य जीवों के लिए वन क्षेत्र और प्राणी उद्यानों में जल संरचनाओं के पुनर्विकास के कार्य किये जायेंगे। लघु एवं सीमांत किसानों के लिए नए खेत व तालाब बनाए जाएंगे। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व के तालाबों, जल स्त्रोतों एवं देवालयों में कार्य किए जाएंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग नए तालाबों का निर्माण करेगा। नदियों के वॉटर शेड क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य होंगे। साथ ही नदियों की जल धाराओं को जीवित रखने के लिए गेबियन संरचना, ट्रेंच, पौधरोपण, चेकडैम और तालाब निर्माण पर जोर दिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी चौपाल आयोजित होंगी।
स्थानीय लोगों को जल संरचनाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रत्येक गांव से 2 से 3 महिला-पुरुष का चयन कर जलदूत भी तैयार किए जाएंगे। सीवेज का गंदा पानी जल स्त्रोतों में न मिले, इसके लिए सोख पिट निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा। नहरों के संरक्षण, जलाशयों से रिसाव रोकने, तालाबों की पिचिंग, बैराज मरम्मत कार्य होंगे।नगरीय विकास एवं आवास विभाग भी जल संरचनाओं के संवर्धन का कार्य करेगा। नहरों को मार्क कर विलेज मैप पर शासकीय नहर के रूप में अंकित किया जाएगा। बांध तथा नहरों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। लंबी नहर प्रणाली के सफाई कार्य भी होंगे। फ्लशबार की मरम्मत कार्य किए जाएंगे। स्लूस वैल की सफाई कार्य भी इसी अभियान के दौरान होंगे। जल सम्मेलन, जल परंपराओं पर आख्यान, चित्र प्रदर्शनी समेत विभिन्न आयोजन किये जायेंगे।।
संवाददाता : मुहम्मद ख्वाजा
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