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मान्यता के धर्मसंकट में फंसी शालाओं में अब कैसे मनाया जायेगा स्कूलों में प्रवेश उत्सव ..?

 मान्यता के धर्मसंकट में फंसी शालाओं में अब कैसे मनाया जायेगा स्कूलों में प्रवेश उत्सव ..?


एक अप्रैल 2025 से नये शिक्षण सत्र का शुभारंभ होन जा रहा है। इसी के साथ सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों में प्रवेश उत्सव का भी आयोजन किया जायेगा। किन्तु इस जिले में पांच सौ से अधिक प्राईवेट स्कूलों की मान्यता को लेकर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में जो पालन अपने बच्चों को निजी स्कूलों प्रवेश दिलवाना चाहते हैं उनके सामने संकट यह खड़ा हो रहा है कि जिले में मान्यता प्राप्त शालायें कौन सी हैं और कितनी हैं जिन्हें मान्यता मिली है या जिनकी मान्यता अभी तक नहीं मिल पाई है। यदि ऐसी शालाओं को मान्यता नहीं मिलती और वहां प्रवेश हो जाते हैं तो इसके लिये जिम्मेदार कौन होगा? जिला शिक्षा केन्द्र रीवा की तरफ से भी मान्यता को लेकर अभी तक कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है कि प्रवेश को लेकर पालकों को क्या करना चाहिये।

मान्यता नहीं मिली तो वे कैसे मनायेंगे प्रवेश उत्सव

सवाल यह भी है कि जिन प्राईवेट शालाओं को मार्च महीने में मान्यता नहीं मिल पाई वे नये शिक्षण सत्र में प्रवेश उत्सव कैसे मनायेगे। किस आधार पर वे पहली कक्षा मे बच्चों को प्रवेश देंगे। क्योंकि गाईडलाईन में बिन्दु यह भी था कि जिन शालाओं को निर्धारित समय सीमा में मान्यता नहीं मिलती उनकी मान्यता समाप्त मानी जायेगी। वह समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है। जिला शिक्षा केन्द्र मान्यता के प्रकरणों को लेकर कार्यालय में ही आवेदन पत्रो में कमियां तलासने में जुटा हुआ है। जबकि उसे आवेदन पत्रों पर गुण दोष के आधार पर निर्णय लेना था। सब कुछ आनलाईन ही होना था फिर भी नहीं हो पाया। ऐसी स्थिति में जिले की पांच सौ से अधिक प्राईवेट शालाओं के सामने अब प्रवेश उत्सव पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है!

संवाददाता : आशीष सोनी

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