प्रकाश चौराहा: मन्दिर ,मस्जिद के पास खुल गई शराब दुकान जनप्रतिनिधि हुए बने मूकदर्शक
जिले में कम्पोजिट शराब की दुकानों का ठेका हो चुका है और आबकारी विभाग ने भी समूहवार दुकानों का आवंटन कार्य पूरा कर एक बड़ी जिम्मेदारी से मुक्ति पा ली है। कुछ जगहों पर पब्लिक का विरोध है तो कुछ स्थानों में स्थानीय नेता पिछले वर्ष से अधिक सहयोग निधि बढने पब्लिक को आगे कर धरना, प्रदर्शन,आंदोलन को जरिये बना दबाव बनाएं हुए हैं ! आबकारी विभाग के अधिकारी नियम कानून को ताक पर रख सरकारी खजाना भरने में लगे हैं। फिर चाहे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों या बच्चों और युवकों के मन पर विपरीत असर पड़े। विभाग के अधिकारियों ने न तो मंदिर-मस्जिद की परवाह है और न ही अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों की। अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेका लेने वालों ने जहां चाहा वहीं देशी, अंग्रेजी, बीयर और भांग का ठेका खोल दिया ! विभागीय, जिला एवं पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बन नियम विरुद्ध कार्य करने मौन स्वीकृति दिये हुए हैं!
मंदिर, मस्जिद,को किया दरकिनार, खुल गई शराब दुकान
प्रकाश चौराहा के समीप संचालित शराब की दुकान किस नियम के तहत खुली यह तो आबकारी और जिला प्रशासन ही बता सकता है...? लेकिन नियम विरुद्ध तरीके से खोली गई शराब दुकान का बात-बात पर धरना, प्रदर्शन ,आंदोलन करने वाले अब तक किसी भी समाजसेवी, राजनीतिक दल के नेतागण एवं वार्ड पार्षद ने अब तक अपना विरोध क्यों दर्ज नहीं कराया यह समझ से परे है.....! हो सकता है कि शराब ठेकेदार ने सब की महिनवारी फिक्स कर दिया हो अथवा किसी लालच के तहत हाथ बांध दिया हो .......? लेकिन ताजुब इस बात का भी है कि शराब दुकान के आसपास संचालित दुकानदारों, सहित धार्मिक संगठनों एवं उससे जुड़े व्याक्तियों ने इसका विरोध क्यों नहीं किया यह भी समझ परे हैं !
धार्मिक भावनाएं होगी आहत, अपराधो में होगा इजाफा .....!
लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होतीं हैं तो होतीं रहे ! लेकिन शराब कारोबारी ने विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर प्रकाश चौराहा के समीप शराब दुकान खोल दी ! शराब दुकान के ठीक पीछे लगभग 40-50 वर्ष पुरानी प्राचीन प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है एवं नजदीक ही छोटी दरगाह स्थित है ! जहां मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ने जाते हैं! प्रकाश चौराहा एक अति व्यस्त चौराहों में से एक है जहां सब्जी मंडी एवं महिलाओं एवं शादी की सजावट सहित अन्य दैनिक सुविधाओं की थोक एवं फुटकर 1000 से ज्यादा दुकानें संचालित है ! वही बगल में पंजाब नेशनल बैंक भी शराब दुकान के समीप संचालित हो रहा है बैंक के नीचे ही एटीएम की मशीन लगी हुई है! आसपास लगभग 10 से ज्यादा एटीएम मशीन शराब दुकान के पास संचालित हो रही है ! सब्जी मंडी एवं अन्य सौंदर्य प्रशासन की दुकानों में लगभग 30 हजार से ऊपर लोगों का प्रतिदिन आना जाना हैं ! इसी चौराहे से प्रतिदिन हजारों छात्राएं एस के स्कूल , जीडीसी कॉलेज आती जाती हैं इसी चौराहों से ऑटो एवं रिक्शा लेकर छात्राएं अपने घर की ओर जाती है! शराब ठेकेदार ने किस नियम के तहत शराब दुकान खोली है वह तो आबकारी एवं जिला प्रशासन ही बता है .. ..? आबकारी पुलिस के सुत्र बताते हैं की शराब ठेकेदार ने ईमान की कीमत तय कर आबकारी एवं जिला प्रशासन को धृतराष्ट्र बनने पर मजबूर कर दिया है ! सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने रहने का ढोंग अब साल भर चलता रहेगा !
त्यौहारों में प्रकाश, स्टैचू चौराहा में होती है हजारों की भीड़
रक्षाबंधन, नवरात्रि, होली, दिवाली,गणेश चतुर्थी, तीजा, करवा चौथ, सहित हिन्दू समाज के सभी त्योहार में गांव एवं शहर के व्यापारी इन्हीं चौराहा पर ही रोड पर ही दुकान लगाकर अपना व्यापार करते हैं! रामनवमी नवरात्रि दशहरा, भगवान जगरनाथ रथ यात्रा, मुस्लिम समाज की अनेकों सामाजिक यात्राएं एवं विभिन्न समाज की पदयात्रा इन्हीं मुख्य मार्गो से निकलती है जिसमें हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं
जनसेवा- देशभक्ती के अधिकारियों सहित थाना प्रभारी से लेकर आरक्षक तक शराब ठेकेदार ने खरीदे ईमान
आबकारी एवं पुलिस सूत्रों के अनुसार सिटी कोतवाली थाना प्रभारी के ईमान को शराब ठेकेदार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कुछ सहयोग निधि बढ़ा कर खरिद लिया है वहीं थाना स्टाफ के लिए भी अलग से बढ़े दर के हिसाब से पैकेज का इंतजाम तय हो चुका है....! यातायात थाना प्रभारी एवं स्टाफ को भी भरोसा में लिया गया है! वही साल भर बेगारी का भी भरोसा शराब ठेकेदार ने दिया है
सिरमौर चौराहा समुह की दुकान
आबकारी विभाग के सुत्र बताते हैं कि सिरमौर चौराहा समूह में 7 दुकान है जिसमें सिरमौर चौराहा, उर्रहट, अमहिया, प्रकाश चौराहा ,इटौरा, बोदाबाग, झिरिया शामिल हैं जिसका ठेका टोटल 75,71,93, 469 रूपए में लिया गया है ! समुह में कई लोगों ने पैसा लगा पार्टनर बन ठेकेदार हो गये! नये 2025-26 के सत्र के लिए रीवा / मउगंज में 77 शराब दुकानों का ठेका 4 सौ 13 करोड़ 31 लाख 45 हजार 7 सौ 97 रुपए का हुआ है !
दारू ठेकेदारों एवं अन्य अवैध कारोबार से आबकारी और पुलिस की प्रतिमाह 1 करोड़ की से ज्यादा की वसूली...?
आबकारी एवं पुलिस विभाग की सुत्रो की मानें तो पुलिस के आला अधिकारियों के साथ- साथ प्रशासनिक अधिकारियों के नाम पर शराब ठेकेदारों से थानों एवं चौकियों में बैठे घाघ किस्म के प्रभारियों, दरोगा, अद्धा दरोगा, मुंशी-हवलदार एवं आरक्षकों के द्वारा वसूली ईस कदर की जा रही है...कि ...एक अनुमान के मुताबिक एक से दो करोड़ रूपये का नजराना शराब ठेकेदारों से प्रतिमाह पुलिस विभाग को मिल रहा है....? शराब ठेकेदारों ने वरिष्ठ अधिकारियों सहित थाना प्रभारी से लेकर आरक्षक तक ईमान की कीमत तय कर रखी है। जिले की प्रत्येक शराब दुकान से वसूली की जाती है। प्रतिमाह लाखों-करोड़ों की वसूली के अतिरिक्त फ्रिज, टीवी, कूलर महंगी शराब से लेकर बिजली मरम्मत के कार्य की बेगारी थानों में बैठे देशभक्त और जनसेवक इन्हीं दारू ठेकेदारों से कराते हैं! पुलिस की वसूली को लेकर जिले भर में कोहराम मचा हुआ है और ताज्जुब की बात है कि आला अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगती है। यदि उनको ऐसी किसी वसूली की जानकारी नहीं है तो फिर उनके उच्च ओहदों पर बने रहना सवालिया निशान है। अगर वरिष्ठ अधिकारी जानकार अनजान बने हुये हैं तो साफ जाहिर है कि वे कथरी ओढ़कर घी पी रहे हैं ......?
संवाददाता -आशीष सोनी
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