औपचारिक रही स्वच्छता कार्यशाला, नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षद रहे नदारद

दमोह में स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 रैकिंग में फिसड्डी साबित हुए दमोह नगरपालिका की रैंङ्क्षकग बढ़ाने का बीड़ा फिलहाल कलेक्टर उठा रहे हैं, लेकिन इस मामले में उनकी भी अनदेखी हो रही है। इसी सिलसिले में आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कार्यशाला भी औपचारिक ही रही। यहां न तो नगरपालिका, नगर परिषदों के सभी अध्यक्ष पहुंचे और न ही अधिकांश पार्षदों ने यहां उपस्थिति दर्ज कराना उचित समझा। हां, पार्षदों की गैर मौजूदगी में उनके पति जरूर यहां मौजूद हुए थे, जिन्हें ही बतौर प्रतिनिधि मौका दिया गया।जबकि शेष सीटें खाली ही नजर आई। ऐसे में चार घंटे से अधिक की इस कार्यशाला को पहले ही खत्म कर दिया गया।

विधायक बोले, पीआइसी का हल निकालें कलेक्टर: इस दौरान विधायक जयंत मलैया ने स्वच्छता पर अपने विचार रखे। इंदौर, भोपाल की चर्चा के बाद उन्होंने अपने वार्ड का एक प्रकरण सुनाते हुए कहा कि एक काम के सिलसिले में पार्षद से चर्चा की तो उन्होंने पीआईसी का मसला बताया। इस पर उन्होंने कलेक्टर से कहा कि इस पीआईसी का कोई हल निकालिए आप। ऐसे पीआईसी के चक्कर में कोई काम नहीं रुक सकते। उन्होंने कहा कि आजकल कोई भी जनता के काम करने के लिए सेवा नहीं मानते है, आप करके देखिए कितनी खुशी मिलती है। प्रभारी पीओ डूडा कपिल खरे ने स्वच्छता सर्वेक्षण के सभी ङ्क्षबदुओं को प्रस्तुत किया। साथ ही उपस्थित जनों को बताया। कलेक्टर सुधीर कोचर ने भी अपने विचार रखे।

इनकी उपस्थिति में होना थी कार्यशाला

कार्यशाला में समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, उनके निकाय के समस्त जनप्रतिनिधि, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षदों को उक्त कार्यशाला में आमंत्रित किया गया था। साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण से संबंधित नोडल, सहायक नोडल व कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ उक्त कार्यशाला में अनिवार्यत: उपस्थित होने के निर्देश थे। बैठक में दमोह नगरपालिका अध्यक्ष मंजू वीरेंद्र राय, तेंदूखेड़ा और हिन्डोरिया नगर परिषद अध्यक्ष नहीं पहुंचे। दमोह नगरपालिका उपाध्यक्ष सुषमा ठाकुर भी नहीं पहुंची, उनके पति जरूर यहां पहुंचे। इसके अलावा आधा दर्जन पार्षदों के पति जरूर इस कार्यशाला में पहुंचे।