ऊर्जाधानी का हवा खतरनाक स्तर पर एक्यूआई 222 के पार प्रदूषण नियंत्रण अमला कागजों में खानापूर्ति करने में जुटा,
सिंगरौली जिले में आज दिन रविवार को वायु प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया। जिले के बैढ़न, जयंत, खुटार, बरगवां, नवानगर और विंध्यनगर क्षेत्र में एक्यूआई 180 से 230 के बीच रिकॉर्ड किया गया, जो खराब से बेहद खराब श्रेणी को दर्शाता है। धूल, कोयला परिवहन, खनन और औद्योगिक गतिविधियों के कारण हवा में पार्टिक्युलेट मैटर की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक रही। मोरवा के शुक्ला मोड़ , रेलवे स्टेशन, काटा मोड़ में रेल के धुओं की तरह धूल के गुब्बारे उड़ते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह-शाम इलाके धुएं, धूल की चादर में ढके नजर आए। कोयला खदानों और पावर प्लांट क्षेत्र- विशेषकर विंध्यनगर, बीना-ककरी, खड़िया, दुद्धिचुआ और अमलोरी के साथ-साथ जिला मुख्यालय के समीपी बलियरी, गनियारी में हालात ज्यादा खराब दिखे। बावजूद इसके, जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े विभाग प्रभावी कदम उठाते नजर नहीं आए, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि जिस रफ्तार से प्रदूषण बढ़ रहा है, उसी अनुपात में रोकथाम की कोशिशें दिखाई नहीं देती। जिले में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी गंभीर चिंता जता रहे हैं। बैढ़न अंचल के कई मेडिसीन चिकित्सको का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण फेफड़ों और दिल पर सीधा असर डालता है। उन्होंने कहा कि पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे सूक्ष्म कण शरीर में गहराई तक पहुंच जाते हैं। ऐसे माहौल में सांस फूलना, सीने में जकड़न, लगातार खांसी, आंखों में जलन और गले में खराश तेजी से बढ़ती है। अस्थमा, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। चिकित्सको ने सलाह दी कि लोग सुबह-शाम बाहर की गतिविधियां कम करें, घर से निकलते समय मास्क पहनें और प्रदूषण बढ़ने पर पानी का सेवन ज्यादा रखें। सिंगरौली में लगातार गंभीर होती हवा प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। आम जनता उम्मीद कर रही है कि जिले में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ठोस कार्रवाई जल्द दिखाई दे।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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