पुलिस अधीक्षक के अभिनव प्रयास से पुलिस लाइन परिसर में विकसित किया जा रहा “हरित उधान”


टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक की जिले वासियों से पर्यावरण सरंक्षण हेतु ‘एक पेड़ माँ के नाम’ लगाने की अपील जिले में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा पुलिस लाइन परिसर में “माँ की बगिया” नामक सुसज्जित हरित-उद्यान का विकास किया जा रहा है। इस बगिया में विविध प्रकार के फलदार, फूलदार और छायादार पौधों का रोपण कर इसे प्राकृतिक सौंदर्य और हरित विस्तार का जीवंत केंद्र बनाया गया है। पौधों की सुरक्षित वृद्धि सुनिश्चित करने हेतु क्षेत्र को मजबूत फेंसिंग कर पूर्ण संरक्षण प्रदान किया गया है। इस परियोजना की विशेषता यह है कि सिंचाई के लिए पुलिस लाइन आवास परिसर से निकलने वाले बेस्टेज पानी को शुद्ध कर उपयोग में लिया जा रहा है। जल संरक्षण की दिशा में यह अभिनव प्रयास न केवल संसाधनों के जिम्मेदार उपयोग का उदाहरण है, बल्कि पर्यावरण-संवर्धन की दिशा में एक अनुकरणीय मॉडल भी प्रस्तुत करता है। पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में रक्षित निरीक्षक द्वारा परिसर में 10,000 से अधिक पौधों का सफल रोपण एवं संरक्षण किया गया है। पौधों की सिंचाई हेतु शुद्ध किए गए बेस्टेज जल का उपयोग इस पूरी पहल को और भी अधिक प्रभावशाली बनाता है।इस नवाचार के माध्यम से पुलिस अधीक्षक पूरे जिले के शहरवासियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए इससे जुड़ने का आह्वान कर रहे हैं। वे सभी नागरिकों से भावनात्मक अपील करते हुए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अवश्य लगाने और उसे संरक्षित करने की प्रेरणा दे रहे हैं। यह अभियान समाज में पर्यावरणीय चेतना को बढ़ाते हुए हर व्यक्ति को प्रकृति के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझने का संदेश देता है।“माँ की बगिया” न केवल पुलिस विभाग की संवेदनशीलता और दूरदृष्टि को दर्शाती है, बल्कि यह इस बात का सुंदर उदाहरण भी है कि सामूहिक प्रयासों से जिले को और अधिक हरित, स्वच्छ एवं जीवनदायिनी दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।

संवाददाता :- मुहम्मद ख्वाजा