उम्र से पहले बूढ़े हो रहे हैं आपके कान, मुंबई के सर्जन ने बताए देखभाल के 4 तरीके


यूं तो अपनी सेहत का हम सभी बहुत ध्यान रखते हैं, लेकिन एक हिस्सा जो अक्सर इग्नोर हो जाता है, वो हैं हमारे कान। खासतौर से आजकल के दौर में जहां लाउड आवाजें इतनी कॉमन हो गई हैं, उम्र से पहले ही लोगों के सुनने की क्षमता कम होती जा रही हैं। मुंबई के ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ मनन वोरा एक पोस्ट के जरिए बताते हैं कि हमारे कान शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में जल्दी बूढ़े होते हैं। डॉक्टर कानों को प्रोटेक्ट करने पर जोर डालते हुए बताते हैं कि हियरिंग लॉस सिर्फ सुनने की समस्या नहीं है, बल्कि ये ब्रेन की एजिंग को भी फास्ट कर सकता है और कॉग्निटिव डिक्लाइन का कारण भी बन सकता है। साथ ही उन्होंने कानों को प्रोटेक्ट करने की भी कुछ टिप्स शेयर की हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।

शरीर के बाकी हिस्सों से पहले बूढ़े होते हैं कान

डॉ मनन एक ऑनलाइन हाई फ्रिक्वेंसी हियरिंग टेस्ट शेयर करते हैं, जो आपके कानों के सुनने की क्षमता के बारे में बताता है। डॉक्टर कहते हैं कि आप जितनी ज्यादा फ्रीक्वेंसी तक आवाज सुन सकते हैं, आपके कान उतने ही यंग हैं। लेकिन समय के साथ हमारे कानों की एज तेजी से बढ़ती है और हम कम फ्रीक्वेंसी तक ही सुन पाते हैं।

क्यों कम हो जाती है हियरिंग फ्रिक्वेंसी?

डॉ वोरा बताते हैं कि हम हाई फ्रीक्वेंसी सुनने की क्षमता इसलिए खोते हैं क्योंकि हमारे इनर ईयर में मौजूद बेहद छोटे हेयर सेल्स समय के साथ घिस जाते हैं। तेज आवाजें, लंबे समय तक इयरफोन लगाए रखना, कॉन्सर्ट, ट्रैफिक का शोर और गलत लाइफस्टाइल की वजह से खराब ब्लड फ्लो, इसके पीछे ये सभी वजह जिम्मेदार होती हैं।

डॉक्टर आगे बताते हुए कहते हैं कि हियरिंग लॉस होना सिर्फ सुनने की क्षमता कम होने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि कई रिसर्च ये बताती हैं कि अगर हियरिंग लॉस का इलाज ना किया जाए, तो ये यादाश्त से जुड़ी समस्याओं, फास्ट कॉग्निटिव डिक्लाइन और यहां तक कि समाज से कटाव का भी कारण बन सकता है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि आपके कान सुनने से भी ज्यादा काम करते हैं।

ऐसे रखें अपनी ईयर हेल्थ का ध्यान

डॉ मनन कुछ इफेक्टिव तरीके बताते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपनी ईयर हेल्थ का ध्यान रख सकते हैं। डॉक्टर के मुताबिक सबसे पहले तो अपने हेडफोन या इयरफोन की आवाज कम से कम रखें। बीच-बीच में ब्रेक भी लेते रहें। इसके अलावा अपनी नींद और हाइड्रेशन का प्रॉपर ध्यान रखें। कानों में घंटी बजना या आवाज मफल्ड होना, जैसे कोई भी शुरुआती संकेत दिखें तो डॉक्टर को दिखाना ना भूलें।

संवाददाता :- खुशी ढ़िमोले