पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के सवा 9 करोड़ पर टिकी निगाहें, नवीनीकरण अन्य विविध निर्माण एवं विकास कार्यो के लिए मिली है स्वीकृति


प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस बैढ़न में अधोसंरचना विकास के अंतर्गत मरम्मत, नवीनीकरण समेत अन्य कार्यो के लिए म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय ने करीब 9 करोड़ 26 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। जहां प्राचार्य समेत अन्य की इस भारी भरकम रकम पर निगाहें टिकी हुई हैं। 
जानकारी के अनुसार म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के द्वारा पिछले माह वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस बैढ़न में अधोसंरचना विकास अंतर्गत मौजूदा ईमारत में 8 कक्षाओं, 12 प्रयोगशालाओं (कंप्यूटर, कौशल, भाषा और अन्य), पुस्तकालय और परीक्षा हॉल (जी+1) के साथ नया विज्ञान ब्लॉक के साथ-साथ अन्य स्थानों के विकास के लिए समतलीकरण, जल निकासी, जल निकासी नाला, अग्नि सुरक्षा, पार्किंग, रास्ते, एसटीपी, एससी सड़क, भू-निर्माण एवं अन्य कार्य के लिए करीब 9 करोड़ 26 लाख 94 हजार रूपये की मंजूरी के साथ-साथ पिछले महीने में प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। सूत्र बताते हैं कि उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा अधोसंरचना विकास अंतर्गत सवा 9 करोड़ रूपये की मंजूरी मिलते ही प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस बैढ़न के प्राचार्य के भी निगाहें टिक गई हैं। हालांकि उक्त निर्माण कार्यो की निर्माण एजेंसी, बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन रहेगी। निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पूर्व निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य के डिजाईन, कार्यो में शामिल निर्माण आईटम्स उनकी क्षमता साइज आदि से महाविद्यालय को अवगत कराया जाएगा एवं निर्माण कार्य की डिजाईन महाविद्यालय को दी जाएगी। हालांकि सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अन्य छोटे-छोटे कार्य महाविद्यालय प्रबंधन ही कराएगा। जहां यहां बताते चले कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस बैढ़न के प्राचार्य पर पूर्व में कई गंभीर आरोप लग चुका है। उनका तबादला भी हुआ है, परंतु अधिकारियों को गुमराह करते हुये सिंगरौली का मोहभंग नही कर पा रहे हैं। इसके पीछे असली कारण क्या है, इसे तो वह खुद ही बताएंगे। लेकिन प्राचार्य का कारनामा किसी से छुपा नही है। वह जगजाहिर है। अब उक्त 9 करोड़ 26 लाख रूपये पर निगाहें टिकी हुई हैं। 

फर्नीचरों के खरीदी में घालमेल, कई फर्नीचर क्षतिग्रस्त

चितरंगी महाविद्यालय में गत वर्ष लाखों रूपये की लागत से फर्नीचर का क्रय कराया गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि कई फर्नीचर क्षतिग्रस्त हो गये हैं। हालांकि यह खरीदी लीड प्राचार्य डिग्री कॉलेज बैढ़न के देखरेख में हुआ था। हालांकि महाविद्यालय प्रबंधन की मंशा है कि यह बात बाहर ना आये, लेकिन महाविद्यालय के कई छात्रों ने ही धीरे-धीरे सामग्री खरीदी में हुये घालमेल का पोल खुलने लगे हैं। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी तरह का खेल अन्य महाविद्यालयों में हो सकता है, हालांकि यह सब जांच के बाद ही पता चलेगा कि इन आरोपो में कितना दम है या फिर महाविद्यालय को बदनाम करने की साजिश हो सकती है। परंतु यह भी चर्चा है कि जिस तरीके से महाविद्यालय प्रबंधन कामकाज है। ऐसे में तरह-तरह के सवाल उठना लाजमी है।

फर्नीचर एवं स्पोर्ट्स क्रय की निविदा से खुला था पोल

डिग्री कॉलेज बैढ़न में पिछले माह प्राचार्य के द्वारा जिले के विभिन्न महाविद्यालयों में फर्नीचर एवं स्पोर्ट्स समेत अन्य महाविद्यालयीन सामग्री क्रय के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। जहां आरोप है कि प्राचार्य ने अपने चहेते पुराने यार को निविदा दिलाने के लिए ऐसी शर्ते रख दिया था कि दूसरा कोई दुकानदार शर्तो के पात्रता से बाहर होने जैसा था। यह सामग्री खनिज प्रतिष्ठान मद से क्रय की जानी थी और तत्कालीन कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने ऑख बंद कर लाखों रूपये मंजूर भी कर दिया था। लेकिन मामला जैसे ही उजागर हुआ, वर्तमान कलेक्टर गौरव बैनल ने उक्त निविदा को निरस्त करने के लिए कहा, प्राचार्य ने उक्त निविदा को निरस्त कर दिया है। निविदा निरस्त होते ही प्राचार्य के कामकाज एवं ढोल का पोल खुलने पर लोगबाग कई तरह के आरोप लगाने लगे हैं। हालांकि इस मामले में छात्र संगठनों की चुप्पी कई सवाल को जन्म दे रहा है।

संवाददाता :- खुशी ढ़िमोले