कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने में आईसीडीएस का नही है दिलचस्पी,पोषण पुनर्वास केन्द्र बैढ़न का मामला
सिंगरौली जिला मुख्यालय बैढ़न के पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला दिलचस्पी नही दिखा रहा है। इसी माह के पिछले दिनों केवल पॉच कुपोषित बच्चें भर्ती थे।
गौरतलब है कि पोषण पुनर्वास केन्द्र एक सुविधा आधारित इकाई है। जहां गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को उनकी माताओं/देखभाल कर्ताओं के साथ भर्ती कराया जाता है। उन्हें चिकित्सीय और पोषण संबंधी देखभाल प्रदान की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य कुपोषित बच्चों का इलाज और पुनर्वास करना है। यहां एक महीने से पॉच वर्ष तक के गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराये जाने का प्रावधान है। बच्चों को डिसचार्ज होने के बाद भी नियमित रूप से फॉलोअप करना रहता है। ताकि यह सुनिश्चित करना होता है कि बच्चे स्वस्थ्य हैं। इसके अलावा उनके माता या पिता या देखभाल करने वालों को बच्चों को स्वस्थ्य और संतुलित आहार देने के तरीके भी सिखाएं जाते हैं । ताकि वे घर पर भी कुपोषण को दूर कर सके। सरकार की यह एक अहम कदम है कि कुपोषण दूर किया जा सके। परंतु महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने में कोई विशेष दिलचस्पी नही दिखा रहा है। इसके पीछे विभाग की उदासीनता मानी जा रही है। हालांकि कलेक्टर गौरव बैनल कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए संबंधित अमले को सख्त निर्देश दिया है। जानकारी के अनुसार एनआरसी बैढ़न में अगस्त से लेकर अब तक भर्ती बच्चों के आंकड़ों की संख्या पर नजर दौड़ाएं तो अगस्त महीने में 40 भर्ती हुये थे। सितम्बर में 22 , अक्टूबर महीने में 9 एवं वर्तमान समय में पिछले चार दिनों पूर्व तक 5 ही कुपोषित बच्चे भर्ती हुये थे। इस मामले में आईसीडीएस अमला सही जवाब नही दे रहा है। फिलहाल एनआरसी में भर्ती बच्चों की संख्या न्यून होने पर यही कहा जा रहा है कि कुपोषण से सिंगरौली मुक्त होने के कगार पर है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

0 Comments