निर्माण एजेंसी की लापरवाही उजागर, सड़क किनारे झाड़ियों ने छीनी चालकों की दृश्यता, हर मोड़ पर मंडराता हादसे का खतरा
चितरंगी जिले के मोरवा स्टेशन से परसोहर तक की सड़क इन दिनों वाहन चालकों के लिए खतरे का पर्याय बन चुकी है। सड़क के दोनों ओर फैली बड़ी-बड़ी झाड़ियों ने न केवल रास्ते को सकरा कर दिया है, बल्कि कई जगह दृश्यता इतनी कम हो गई है कि सामने से आ रही गाड़ि़यों का पता ही नहीं चलता। परिणामस्वरूप इस मार्ग पर आए दिन सड़क हादसे दर्ज हो रहे हैं। बावजूद इसके सड़क के रखरखाव के लिए जिम्मेदार विभाग पूरी तरह मौन है।
जानकारी के अनुसार इस मार्ग का निर्माण एनसीएल द्वारा कराया गया था और इसके बाद सड़क की मरम्मत व देखरेख की जिम्मेदारी भी एनसीएल पर ही थी। लेकिन विभाग ने सड़क बनाने के बाद मानो अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर लिया। न तो रोड साइड से झाड़ियां कटाई गईं, न ही मोड़ों पर सुरक्षा का कोई इंतजाम किया गया। परिणामस्वरूप यह सड़क हादसों का हॉटस्पॉट बन गई है। इसी तरह बगैहा से बुढ़ाडोल मार्ग तक एमपी आरडीसी के अंतर्गत आने वाली सड़क पर भी हालात बेहद चिंताजनक हैं। सड़क किनारे उगी घनी झाड़ियों ने कई मोड़ों पर दृश्यता शून्य के बराबर कर दी है। वाहन चालक बताते हैं कि शाम होते ही झाड़ियों के बीच से अचानक बाइक या छोटे वाहन निकल आते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि एनसीएल और एमपीआरडीसी पर सख्ती करते हुए जल्द से जल्द सड़क किनारे उगी झाड़ियों की सफाई करवाई जाए, ताकि सामान्य यातायात सुचारु रूप से चल सके और हादसों पर रोक लगे।
रखरखाव पर ध्यान न देना ही हादसों की असली वजह
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार एनसीएल और एमपी आरडीसी अधिकारियों से झाड़ियां कटवाने व सड़क किनारे सफाई की मांग की, लेकिन हर बार शिकायतें कागजों में ही दब कर रह गईं। ग्रामीणों के मुताबिक सड़क निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन रखरखाव पर ध्यान न देना ही हादसों की असली वजह है। लोगों का आरोप है कि विभागीय लापरवाही के कारण कई बार छोटी-बड़ी दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी घटनाओं से कोई सबक नहीं ले रहे। यदि तुरंत झाड़ियों की कटाई और रोड किनारे सफाई नहीं कराई गई, तो आगामी दिनों में बड़े हादसे भी हो सकते हैं।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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