सीएचओ ने सार्थक ऐप और वेतन कटौती पर जताई आपत्ति, नरसिंहपुर कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन !

मामला नरसिंहपुर जिले से सामने आया है जहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत कार्यरत संविदा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) ने सार्थक ऐप पर ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली और वेतन कटौती के आदेशों पर आपत्ति जताई है। बुधवार को सीएचओ ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर देवंती परते को सौंपा हैं।

ज्ञापन में सीएचओ अधिकारियों ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न आदेशों में सभी नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को सार्थक ऐप पर उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

हालांकि, जिले में यह व्यवस्था केवल सीएचओ वर्ग के लिए लागू की गई है, जबकि अन्य कर्मचारियों को इससे छूट दी गई है, जिससे असमानता की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे सार्थक ऐप से उपस्थिति दर्ज करने का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग है कि यदि यह प्रणाली लागू की जाए तो इसे सभी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू किया जाए।

उन्होंने महिला सीएचओ की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का भी जिक्र किया, क्योंकि कई स्वास्थ्य केंद्र दूरस्थ गांवों में स्थित हैं जहां महिला स्टाफ का अकेले रहना जोखिम भरा हो सकता है।

सीएचओ कर्मियों ने यह भी बताया कि उन्हें पिछले आठ महीनों से परफॉर्मेंस बेस्ड इंसेंटिव (पीएलएस) का भुगतान नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त, वेतन संबंधी मानसिक दबाव भी बनाया जा रहा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है।

सीएचओ ने मांग की है कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को समान रूप से सार्थक ऐप पर उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया जाए। साथ ही, उनके बकाया वेतन और पीएलएस राशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

इनका कहना है :- 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि सार्थक ऐप पर उपस्थिति दर्ज कराना सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एनएचएम मिशन संचालक के निर्देश हैं कि गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की समस्या न आए और उनका समय पर पंजीकरण हो, जिसे लेकर विभाग द्वारा सख्ती बरती जा रही है।

                      संवाददाता दीपक मालवीय