उज्जैन किसानों के हित में बड़ा फैसला, भूमि अधिग्रहण पर “विशेष मुआवजा” देने की तैयारी — सरकार ने लैंड-पूलिंग नीति वापस ली


उज्जैन में सिंहस्थ 2028 को लेकर बनाई गई लैंड-पूलिंग स्कीम के विरोध के बाद सरकार ने बड़ा U-टर्न लेते हुए इस नीति को रद्द कर दिया है। किसानों के बढ़ते विरोध, धरना-प्रदर्शन और संवाद की मांग के बाद अब प्रशासन ने साफ कर दिया है कि आगे किसी भी प्रकार का भूमि अधिग्रहण किसानों की पूर्ण सहमति से ही किया जाएगा।

इस बीच, विकास कार्यों को जारी रखने के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) ने किसानों के लिए विशेष मुआवजा पैकेज पर विचार शुरू कर दिया है। प्रस्तावित योजना के अनुसार, जिन किसानों की जमीन परियोजनाओं के लिए ली जाएगी, उन्हें सामान्य दर से ज्यादा अतिरिक्त मुआवजा, सुविधाएँ और पुनर्वास सहायता दी जाएगी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार— किसानों को डबल मुआवजा तथा परियोजना क्षेत्र में विकसित प्लॉट देने का प्रावधान किया जा सकता है।इसके अलावा, भूमि उपयोग परिवर्तन से होने वाले लाभ में भी किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर चर्चा चल रही है।

किसान संगठनों ने कहा कि यह फैसला “किसानों की जीत” है और सरकार व प्रशासन ने किसानों की भावनाओं का सम्मान किया है। वहीं उज्जैन विकास प्राधिकरण का कहना है कि सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन के लिए विकास कार्य आवश्यक हैं, पर उन्हें किसान-हितैषी तरीके से ही आगे बढ़ाया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन जल्द ही सभी प्रभावित गांवों में जन-संवाद कर नई मुआवजा व्यवस्था का प्रारूप साझा करेगा।इस फैसले के बाद क्षेत्र में तनाव कम हुआ है और किसानों ने इसे प्रदेश के लिए सकारात्मक व सामंजस्यपूर्ण कदम बताया है।

संवाददाता :- मोहम्मद आरिफ